पटना: मंगलवार को बिहार के छपरा जिले में अपराधियों ने पुलिस की एसआईटी टीम पर हमला कर दिया, इसमें दो पुलिसकर्मी की मौत हो गई. इस घटना को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बिहार की लचर कानून व्यवस्था अब मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुकी है. पुलिस का काम बस सरकारी आकाओं की राजनीति को पंख देने, उनके इशारे पर नाचने, ब्रजेश ठाकुर जैसे बलात्कारियों, क़ातिलों और माफ़ियाओं का संरक्षण देने का ही रह गया है.


अपने फेसबुक पोस्ट में तेजस्वी यादव ने लिखा, ''बिहार में हत्या, अपहरण, बलात्कार, फिरौती, रंगदारी और हर तरह के काले कारनामे सत्ता संरक्षण में फल-फूल रहे हैं. इस भयावह माहौल में आम आदमी सहम सहम कर अपनी जान बचाते गुजर बसर करने को विवश है. छपरा में एक दिन पहले एक दारोगा और हवलदार की सरेआम बीच बाज़ार में सुनियोजित तरीके से बेखौफ अपराधियों ने घेरकर गोलियों से भून दिया. अपराधियों के पास पुलिस से आधुनिक हथियार है. विगत वर्षों में बिहार पुलिस के अनेकों अधिकारी अपराधियों के हाथों मारे जा चुके हैं. जब पुलिसकर्मी हलाल के बकरे की भांति बीच बाज़ार मौत के घाट उतार दिए जाएंगे तो आम आदमी की क्या बिसात? क्या पुलिस की इतनी भी दबिश और सरकार का इतना भी इकबाल नहीं बचा?''





तेजस्वी ने आगे लिखा, ''कुछ दिन पहले एक रिटायर्ड DIG की उनके परिवार के सामने ही गुंडों ने सरेआम पिटाई कर दी. आज राज्य में हत्या, अपहरण, गैंग रेप, लूट और बलात्कार की घटनाएं इतनी अधिक हो गयी हैं कि अब अखबारों के लिए यह आम खबर है जिसे अब सनसनीखेज की श्रेणी में नहीं माना जाता है. जेलों से ही अपराधी अपराध जगत को कंट्रोल और मैनेज कर रहे हैं. जेलों में थोक में सिम, मोबाइल, हथियार मिल रहे हैं. जंगलराज चिल्लाने वाले बेशर्मी से कुछ बोल नहीं पा रहे है.''


बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने कहा कि अब तो राज्य के डीजीपी खुद कह रहे है कि अपराधी कभी भी उन्हें गोली मार सकते है. मुख्यमंत्री बताएं अगर डीजीपी इतने डरे-सहमे हुए है तो आम आदमी का क्या होगा? डीजीपी के इस व्यक्तवय के बाद क्या सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार रह गया है? ऐसे अपराधग्रस्त माहौल में व्यवसायी वर्ग पूंजी निवेश करने से कतराने लगा है, व्यापारी बिहार छोड़ रहे हैं. डीजीपी क्राइम पर नकेल कसने के बजाय मीडिया मैनेज करने, व्यक्तिगत ब्रांडिंग करने और पीसी करने में ही व्यस्त रहते हैं. डबल इंजन की सरकार का पूरा ध्यान माफियाओं और अधिकारियों से भ्रष्ट वसूली में ही लगा रहता है तो आम जनता की कौन सुने? अपनी अपनी डफ़ली, अपना अपना राग लेकर जेडीयू और बीजेपी आपसी कलह और खींचतान में आम बिहारी का गला घोंट रहे हैं. इनका एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लगा हुआ है.