छत्तीसगढ़ः जून महीने में 6 हाथियों की हुई मौत, CM की बैठक के बाद फिर एक हाथी ने गंवाई जान
छत्तीसगढ़ में कम ही समय में 6 हाथियों की मौत ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया. प्रदेश में हाथियों की मौत के ज्यादातर मामलों में करंट लगने के कारण जान गंवाना मुख्य कारण रहा है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ में जून महीने में अब तक 6 हाथियों की मौत हो चुकी है. प्रदेश में हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को भी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक हाथी की मौत हो गई. हाथियों की लगातार हो रही मौत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया. इसके साथ ही दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई भी हुई. इसके बाद भी हाथियों की मौत चिंताजनक है. अब विपक्ष दल बीजेपी भी हाथियों की मौत पर सरकार से सवाल पूछ रही है.
इलाके में थी हाथी की दहशत
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में एक और दंतैल हाथी की मौत हो गई. जिस हाथी की मौत हुई है वो उसकी पूरे इलाके में बहुत दहशत थी. हाथी का नाम गणेश बताया जा रहा है. गणेश उस इलाके में कई लोगों की जान ले चुका था. इसके साथ ही कई घरों को भी तबाह कर चुका था.
बीती रात छाल रेंज के बेहरामार गाँव के किनारे हाथी घूम रहा था. सुबह गांव में उसका शव बरामद हुआ. मौत की वजह का पता नहीं चल सका है. हाथी की मौत की सूचना पाकर वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंची और पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
वन विभाग की मानें, तो मृतक हाथी को रेडियो कॉलर आईडी लगाया गया था, लेकिन कुछ महीने पहले ही उसके गले से ये गिर गया था. फिर से गणेश का रेस्क्यू करने वन विभाग द्वारा तमाम कोशिश भी की गई थी, लेकिन गणेश की पहचान नहीं हो पा रही थी. विभाग के मुताबिक, हाथी की पहचान उसके गले के निशान से हुई है.
करंट लगने से सबसे ज्यादा मौत
छत्तीसगढ़ में पिछले 10 साल में 130 हाथियों की मौत हो चुकी है, जबकि 44 हाथियों की मौत करंट लगने से हुई है. इसमें से सिर्फ 22 हाथियों ने धरमजयगढ़ में ही करंट से जान गंवाई है. इसके अलावा कई अलग-अलग जिलों में भी इस कारण मौतें हो चुकी हैं.
छतीसगढ़ में दो सप्ताह के अंदर 6 हाथियों की मौत
छत्तीसगढ़ में दो सप्ताह के अंदर गर्भवती हथिनी, एक बच्चा समेत 6 हाथियों की मौत हो चुकी है. इन सभी हाथियों की जान 9 जून से लेकर 18 जून के बीच गई है. सूरजपुर के प्रतापपुर में 9 और 10 जून को एक गर्भवती हथिनी समेत 2 हथिनी की मौत हुई थी.
बलरामपुर के अतौरी के जंगल में 11 जून को 1 हथिनी की मौत, धमतरी के माडमसिल्ली के जंगल में 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत हुई थी. वहीं रायगढ़ के धरमजयगढ़ में 16 और 18 जून को 2 हाथियों की जान गई थी. धरमजयगढ़ में अधिक संख्या में हुई हाथियों की मौत संदेह के दायरे में है. कहीं हाथियों का शिकार तो नहीं हो रहा, इस एंगल में भी जांच करने की जरूरत है.
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