छत्तीसगढ़: राज्य सरकार डेढ़ रुपये किलो की दर से गोबर खरीदने जा रही है. इस सिलसिले में राज्य कैबिनेट की होनेवाली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. फिलहाल गोबर के दर को निर्धारण करने के लिए मंत्रियों की समिति ने अनुशंसा कर दिया है.


गोधन के संरक्षण एवं सवंर्धन, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गोधन न्याय योजना की शुरुआत हरेली त्यौहार से होने जा रही है. इस योजना के तहत निर्धारित दर पर किसानों और पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी. जिसके जरिए बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जाएगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले गोधन न्याय योजना का एलान किया था.


उन्होंने दावा किया था कि ये योजना किसानों और पशुपालकों को फायदा पहुंचाने के लिए शुरू की जा रही है. जिसमें गोबर खरीदने की बात भी कही गई थी. जिसके बाद मंत्रियों की समिति का गठन कर गोबर का दर निर्धारित करने को कहा गया. अब समिति ने डेढ़ रूपए की किलो की दर से गोबर खरीदी किए जाने की सिफारिश कर दी है. कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बीज भवन में बैठक में फैसला लिया गया. बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया शामिल हुए.


छत्तीसगढ़ में गोबर की खरीद करेगी सरकार


मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में  गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इसके प्रबंधन के संबंध में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने गोबर क्रय करने की पारदर्शी व्यवस्था तय करने की बात कही. उन्होंने कहा कि गौठान समिति अथवा उसके द्वारा नामित समूह घर-घर जाकर गोबर संग्रहण का काम करेंगे. उन्होंने इसके लिए खरीदी कार्ड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही जिससे रोजाना संग्रहित किए जाने वाले गोबर की मात्रा और भुगतान की राशि का रिकॉर्ड कार्ड में दर्ज किया जा सके.


मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक में चर्चा


समिति ने किसानों और पशुपालकों को क्रय किए गए गोबर के एवज में पाक्षिक भुगतान किए जाने की भी अनुशंसा की है. मंत्री रविन्द्र चौबे ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता एवं कृषि संचालक निलेश क्षीरसागर को कई आदेश दिए. जिनमें गौठानों में पशुधन की संख्या और वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए दस पक्के टांके का निर्माण जल्द कराए जाने की बात शामिल थी. उन्होंने कहा कि पशुधन की संख्या और गौठानों में स्थान की उपलब्धता को देखते हुए टांके का निर्माण कराया जाना चाहिए. समिति ने गोबर संग्रहण का दायित्व गौठान समिति अथवा महिला स्व-सहायता समूह को देने की बात कही.


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