बिहार: लॉकडाउन के बाद पहली बार पटना से बाहर निकले नीतीश कुमार, नेपाल सीमा पर कमला नदी का किया मुआयना
मुख्यमंत्री ने कमला वियर को बैराज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया. इससे उत्तर बिहार और मिथिलांचल के किसानों को इसका फायदा होगा.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज कोरोना लॉकडाउन के बाद पहली बार बिहार की राजधानी पटना से बाहर निकले. सड़क के रास्ते बुधवार को मधुबनी के जयनगर में कमला वियर का निरीक्षण किया.
इस दौरान उन्होंने जल संसाधन मंत्री, जल संसाधन विभाग के सचिव और अन्य वरीष्ठ इंजीनियरों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कमला वियर को बैराज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया. कमला वियर के बैराज में परिवर्तित होने से सिंचाई क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी. उत्तर बिहार और मिथिलांचल के किसानों को इसका फायदा होगा.
कमला वियर के बैराज में परिवर्तित होने से इस कमांड क्षेत्र में 23,788 एकड़ में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी, इससे किसानों को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पायेगी, जिससे इस क्षेत्र के किसानों का आर्थिक विकास तेजी से होगा.
नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर में 1.3 किलोमीटर प्वाइंट, 1.4 किलोमीटर प्वाइंट तटबंध के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने तटबंध को और ऊंचा करने के साथ-साथ तटबंधों की मजबूती के लिए आयरन सीट पाइलिंग का निर्देश दिया. कमला बलान नदी के नरुवार तटबंध निर्माण कार्य के अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नरुवार तटबंध में स्टील सीट पाइलिंग कराए जाने से तटबंध को मजबूती मिलेगी और अगल-बगल के बसावट को सुरक्षा मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने नरुवार तटबंध के आसपास पर्याप्त मात्रा में मिट्टी भराई करने का निर्देश दिया ताकि तटबंध को और मजबूती मिल सके. जिलाधिकारी मधुबनी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि पिछले वर्ष नरुवार तटबंध के टूटने से बगल के गांव के मकानों की क्षतिपूर्ति राशि प्रभावित लोगों को दे दी गई है और वहां उपस्थित ग्रामीणों ने क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त होने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि प्राप्त क्षतिपूर्ति राशि का उपयोग कर अपने मकान के निर्माण-मरम्मत का कार्य शीघ्र करें. तटबंधों की मजबूती का कार्य शीघ्र पूरा करें और तटबंधों की सुरक्षा के लिए अधिकारी- इंजीनियर विशेष सतर्कता बरतें. सभी तटबंधों के महत्वपूर्ण-स्ट्रैटिजिक स्थानों पर बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण पर्याप्त मात्रा में रखें ताकि बाढ़ निरोधात्मक कार्य सुचारू रूप से हो सके.
मधुबनी के जयनगर में कमला नदी के तटबंधों का जायज़ा लेने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश ने दरभंगा जिला के केवटी रनवे एयरफोर्स स्टेशन में निर्माणाधीन सिविल एयर स्ट्रिप-हवाई पट्टी और हवाई अड्डा टर्मिनल का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के डीजीएम को दरभंगा हवाई अड्डा की हवाई पट्टी और टर्मिनल भवन के बचे हुए काम को तेज रफ़्तार से पूरा करने का निर्देश दिया.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा का हवाई अड्डा एक बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. इसके चालू हो जाने पर दरभंगा सहित पूरे उत्तर बिहार के लोगों के लिए हवाई यात्रा करने में सहूलियत होगी. इस हवाई अड्डा के चालू हो जाने पर पूरे उत्तर बिहार और मिथिलांचल क्षेत्र में नए व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे और इस इलाके में आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी. मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिलाधिकारी को भी दरभंगा हवाई अड्डा के निर्माण काम का नियमित निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया.
दरभंगा हवाई अड्डे के निर्माण काम में कई तरह की समस्याएं आ रही थीं. मुख्यमंत्री ने समस्याओं के समाधान के लिए पहल करते हुए निरीक्षण स्थल से ही नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के चयरमैन से फ़ोन पर बात कर परियोजना की ज्यादा अहमियत को देखते हुए निर्माण काम को जल्द पूरा कराने का अनुरोध किया. केन्द्रीय उड्डयन मंत्री से बात के बाद निर्माण काम में आ रही समस्याओं का समाधान हो गया है.
इस दौरान हवाई अड्डा प्राधिकरण के डीजीएम ने बताया कि हवाई पट्टी का 55 प्रतिशत निर्माण काम पूरा हो गया है. मुख्यमंत्री ने हवाई पट्टी के बचे हुए काम को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही टैक्सी ट्रैक को चौड़ा करने और टर्मिनल भवन के निर्माण काम को भी तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने टर्मिनल भवन को एनएच- 527 से जोड़ने के लिए अलग रास्ता बनाने और इसके आने-जाने का रास्ता गेट नंबर 1 से करने का सुझाव दिया, ताकि एयरफोर्स और एयरपोर्ट दरभंगा का रास्ता अलग-अलग रहे.
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