मेरठ: मुआवजे के मांग को लेकर ग्रामीणों ने बच्चे के शव को रेलवे ट्रैक पर रखकर जाम लगा दिया. 10 साल का समीर कल (शुक्रवार) से घर से लापता था. लंबी तलाश के बाद रेलवे अंडरपास में भरे पानी से उसका शव बरामद किया गया. इसी जगह कल बच्चों से भरी हुई स्कूल बस भी पानी में डूब गई थी.


शुक्रवार को तेज बारिश में चन्दसारा गांव के मजदूर पिता वकील का बेटा समीर घर से निकल आया. रेलवे हाल्ट के नीचे फंसी बस के बच्चों से बतियाते उसे ग्रामीणों ने देखा था. बारिश के तेज होने के बाद सभी स्कूली बच्चों को उनके घरों तक पहुँचा दिया गया था.

ग्रामीणों ने समीर को अंडरपास के नजदीक पानी मे खेलते देखा था. समीर जब देर शाम तक घर नही पहुंचा तो परिजन उसे रात तक खोजते रहे. समीर को अंडरपास के निकट देखने वाले ग्रामीणों ने अनहोनी की आशंका जाहिर की और पुलिस को अंडरपास के आसपास समीर की तलाश करने को कहा.



आज सुबह से समीर की तलाश शुरू की गई और अंडरपास में भरे कई फ़ीट गहरे पानी मे गोताखोर उतारे गए. करीब 3 घंटे के तलाश के बाद समीर का शव बरामद कर लिया गया. 24 घंटे में रेलवे अंडरपास पर हुई दो घटनाओं से सहमे ग्रामीणों ने रेलवे के खिलाफ आक्रोशित होकर ट्रैक पर जाम लगा दिया.

ग्रामीणों ने समीर के शव को रेलवे ट्रैक पर रखा और सैंकड़ो की तादात में खुद भी वही बैठ गए. सुबह 9 बजे से जाम रेलवे ट्रैक दोपहर 1 बजे खोला जा सका. इस दौरान नौचंदी एक्सप्रेस समेत 3 रेलगाड़ियां जाम में फंसी खड़ी रहीं.

प्रदर्शनकारियो की मांग थी कि समीर की मौत के लिए जिम्मेवार रेलवे परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दे और अंडरपास में पानी के निकासी का स्थायी समाधान किया जाए. रेलवे के अफसरों ने प्रदर्शनकारियों की मांग मानते हुए मुआवजे की संस्तुति रेलवे मुख्यालय भेजी है और अंडरपास में जल निकासी के लिए निर्माण के लिए जिम्मेवार अफसरों को आदेशित किया गया है.