लखनऊ: यूपी की सत्ता पर दोबारा काबिज होने की जुगत में लगे अखिलेश यादव ने सपा का घोषणापत्र जारी किया. इस दौरान अखिलेश समर्थकों ने खूब तालियां बजाई और अखिलेश के जयकारे भी लगे. इस खास मौके पर अखिलेश के साथ उनकी पत्नी मौदूज थीं, हालांकि मुलायम सिंह यादव मौजूद नहीं रहे.
मौका चुनावी घोषणापत्र के जारी करने यानि वादों के पिटारे को खोलने और लुटाने का था. अखिलेश ने भी मौके की नज़ाकत के हिसाब से कहा कि गरीब परिवार के बच्चों के लिए समाजवादी सरकार ने जितना किया काम किया है उतना किसी ने नहीं किया है.
घोषणापत्र जारी करने के दौरान अखिलेश यादव ने रायबरेली के एक स्कूल का वाकया सुनाया. उन्होंने कहा कि मैं वहां के प्राइमरी स्कूल में गया और बच्चों से पूछा कि कितना पढ़ना जानते हो? मैंने बच्चों से सवाल किया तो कुछ का जबाव वे दे पाएं और कुछ का नहीं दे पाए. क्योंकि शिक्षकों ने उन्हें रटा रखा था. जब मैंने पन्ना पलट दिया तो वे नहीं पढ़ पाए. आखिर में जब मैंने बच्चों से पूछा कि बताओ तुमने मुझे पहचाना तो उनका जवाब आया कि हां पहचान लिया, तो मैंने पूछा कौन हूं मैं उन्होंने जवाब दिया राहुल गांधी.
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हालांकि, अखिलेश के इस बयान के कई मायने लगाए जा रहे थे, लेकिन शाम होते-होते कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो गया. गौरतलब है कि अखिलेश ने स्कूल में बच्चों की हालत की कहानी सुनाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है, क्योंकि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ हैं. हालांकि अब तक दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की आधिकारीक घोषणा हो चुकी है, लेकिन आने वाले दिनों में जब-जब कांग्रेस-समाजवादी पार्टी के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिलेगी, अखिलेश के इस बयान को जरूर याद किया जाएगा. फिलहाल दोनों पार्टियां मिलकर जीत जंग में शामिल हो चुकी हैं.