नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद गुमशुदा हुई कानून की छात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची. इस छात्रा को पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया है. जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने लंच से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि कानून की इस छात्रा को शुक्रवार को ही कोर्ट में पेश किया जाये. पीठ ने कहा था कि वह चैंबर में इस छात्रा से बातचीत करने के बाद अपना आदेश पारित करेगी.


इससे पहले, यूपी सरकार के वकील ने पीठ को सूचित किया था कि इस छात्रा को राजस्थान से बरामद किया गया है और पुलिस का दल उसे उसके माता पिता से मिलाने के लिये शाहजहांपुर ले जा रहा है. पीठ को जब यह बताया गया कि पुलिस का दल इस छात्रा को लेकर फतेहपुर सीकरी पहुंचा है और ढाई घंटे में यह सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है, तो पीठ ने पुलिस को ऐसा करने का निर्देश दिया. वकीलों के एक समूह द्वारा इस घटना के बारे में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गये पत्र का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था.


शाहजहांपुर पुलिस ने कानून की इस छात्रा का एक वीडियो क्लिप सामने आने पर मंगलवार को चिन्मयानंद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इस वीडियो क्लिप में छात्रा ने उन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. इस छात्रा ने इसी क्लिप में अपने और अपने परिवार को जान का खतरा होने की बात भी कही थी.


इस छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें चिन्मयानंद पर उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. बीजेपी नेता के वकील ने इस आरोप का प्रतिवाद करते हुये दावा किया था कि यह उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश है. इस छात्रा के पिता ने आरोप लगाया था कि मुमुक्षु आश्रम के प्रधान बीजेपी नेता के इशारे पर ही उनकी पुत्री लापता की गयी है. यह युवती आश्रम द्वारा संचालित कॉलेजों में से एक में एमए की छात्रा है. प्रधान न्यायाधीशों को लिखे गये वकीलों के एक समूह के पत्र में उनसे मीडिया की खबरों के आधार पर ही इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था. खबरों में कहा गया था कि यह छात्रा तीन दिन से लापता है.