नई दिल्ली: बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे का मुद्दा खींचता चला जा रहा है. केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी पहले से नाराज चल रही है. इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी ने साफ किया कि वे सीट बंटवारे में 'असम्मानजनक' को स्वीकार नहीं करेंगे. दिल्ली में बुधवार को एलजेपी के 19वें स्थापना दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.


इस दौरान लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि इस बार जेडीयू एनडीए का हिस्सा है. इसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे में उन्हें ही अपने सहयोगी के लिए तालमेल बिठाना पड़ेगा. उन्होंने इस बात को खारिज किया कि 2014 के मुकाबले इस बार एलजेपी को कम सीटें मिलेंगी. चिराग पासवान ने कहा कि जल्द ही सीटों की संख्या का एलान हो जाएगा.





चिराग पासवान ने कहा, ''बीजेपी अध्यक्ष ने सम्माजनक समझौते की बात की थी. मैं ऐसी कोई भी संख्या स्वीकार नहीं करूंगा जो लोक जनशक्ति पार्टी के लिए असम्मानजनक हो.'' बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से मौजूदा वक्त में एलजेपी के छह सांसद है. इसमें से खुद एलजेपी अध्यक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं.


वहीं आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि वे उनकी नाराजगी को समझने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि कुशवाहा सीट बंटवारे की बातचीत को पब्लिक के बीच ले गए जो गलत है. वे एक बार में दो नांव की सवारी करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि वे 2019 का चुनाव एनडीए में रहकर ही लड़ेंगे.


राम विलास पासवान साल 1969 पहली बार विधायक बने थे. अगले साल यानि 2019 में वे राजनीति में 50 साल पूरे करेंगे. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वे हमेशा भीम राव आंबेडकर और राम मनोहर लोहिया का अनुसरण करते रहे हैं, जिन्होंने जाति नहीं समूह की बात की. पासवान ने इस बात पर दुख जताया कि पिछड़ों और दलितों के बीच की एकता मंडल कमीशन के लागू होने के बाद जारी नहीं रह पाई.


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