चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को लिखा पत्र, फंसे बिहारियों के लिए मांगी मदद
चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर फंसे हुए बिहारियों की जानकारी दी है.साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार से मदद भी मांगी है.
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार ट्विटर पर कोरोना वायरस से जुड़ी अपडेट दे रहे हैं. उन्होंने लॉकडाउन के बाद पलायन कर रहे या फिर दूसरे राज्यों में फंसे हुए बिहारियों की मदद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई पत्र लिखे. साथ ही उन्होंने बिहार की सीएम नीतीश कुमार को एक और पत्र लिखा है.
चिराग ने कहा कि बिहार के लोग फंसे हैं और उनको मदद मिले इसलिए वह हर रोज कम से कम 500 लोगों से बात कर रहे हैं. वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं. जो बिहार के लोग दक्षिण के राज्यों में फंसे हैं उनके स्थानीय प्रशासन से बात कर सुविधा मुहैया करा रहे हैं.
हेल्पलाइन नंबर नहीं कर रहा है काम
इस दौरान हेल्पलाइन नंबर ठीक से काम नहीं कर रहा है. घंटों कोशिश करने पर भी बात नहीं होने की शिकायतें आ रही हैं. वह खुद दिल्ली में बिहार के स्थानीय आयुक्त से मदद करने की जानकारी दे रहे हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान बिहार से बाहर गए लोगों से सम्पर्क में है. चाहे वह उनकी लोकसभा क्षेत्र के हों या फिर बिहार के दूसरे जगहों के. वह दिल्ली कार्यालय के जरिए अपने जमुई लोकसभा इलाके के साथ-साथ बिहार के सम्पर्क में हैं.
इससे पहले करी थी एक करोड़ रुपये की मदद
इसके पहले चिराग पासवान ने 1 करोड़ रुपए एमपी फंड से दिया और 2 महीने का अपना वेतन भी चिराग ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है. चिराग ने बताया कि वह फोन के जरिए देश के गृह मंत्री अमित शाह के सम्पर्क में हैं और उनके जरिए मदद की गुहार लगा रहे हैं. चिराग पासवान ने कुल 35 पत्र लिखे जिसमें 950 प्रवासी बिहारियों की सूची थी.
चिराग पासवान ने लिखा पत्र
चिराग ने पत्र में लिखा, " कोविड-19 से देश में लॉकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों में फंसे बिहारवासियों को उनके रहने और खाने पीने की उचित व्यवस्था करने के संबंध में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिख जानकारी दी गई है. यह सभी पत्र दिल्ली बिहार भवन भेजे गए हैं.''
आगे उन्होंने लिखा, '' यह पत्र इस लिए जरूरी हैं ताकि सरकार को जानकारी मिले कि कहां पर बिहारवासी मौजूद हैं और समस्या में है. मेरे कार्यालय पर कई साथियों ने इस संदर्भ में जानकारी दी है जिसको मैं साझा कर रहा हूं.''
1. बिट्टू कुमार + 40, गुजरात 2. संदीप कुमार + 60, हरियाणा 3. जियाउल अंसारी + 25, हरियाणा 4. सरफराज आलम + 100, हरियाणा
5. शैलेन्द्र पासवान + 4, गुजरात 6. देवेन्द्र पासवान, नई दिल्ली 7. पप्पु कुमार साह + 15, गुजरात 8. संजीत पासवान, हरियाणा
9. राजेश रविदास, हरियाणा 10. योगेन्द्र कुमार , उत्तर प्रदेश 11. आशीष यादव, गुजरात 12. रंजीत कुमार + 3, मुम्बई
13. संजय सुकदेव गुप्ता +8, दमन 14. संतोष कुमार पासवान +50, गुजरात 15. मिथुन कुमार +40, तेलंगना 16. सतवीर कुमार +300, कर्नाटक
17 सुरज कुमार +3, दमन 18 मनीष कुमार हरियाणा 19. शिवम कुमार दुबे +2, नई दिल्ली 20. रामजी यादव +15, दिल्ली
21. अंकित कुमार + 45, तमिलनाडु 22. मुकेश कुमार + 70, गुजरात 23. असरार + 10, नई दिल्ली 24. कुन्दन कुमार + 6, चेन्नई
25. दिनेश यादव +50, कर्नाटक 26. सुभाष कुमार, कर्नाटक 27. धर्मेन्द्र कुमार, राजस्थान 28. धनंजय कुमार यादव +19, नई दिल्ली
29. सलो दास, गुजरात 30. विकास कुमार शर्मा, पश्चिम बंगाल 31. कांग्रेस दास + 82, गुजरात 32. अजीत पासवान + 4, नई दिल्ली
33. मुकेश कुमार यादव + 20, नई दिल्ली 34. रामदेव यादव + 20, नई दिल्ली 35. सोनु कुमार, हरियाणा
तेजस्वी यादव ने शेयर किया वीडियो
बता दें कि तेजस्वी यादव ने भी एक वीडियो शेयर किया जिसमें कुछ डॉक्टर कोरोना से लड़ने के लिए समान की कमी का हवाला देते हुए दिखाई दे रही हैं. तेजस्वी ने लिखा, " आज 17 दिन से अधिक हो गए हैं जब बिहार सरकार ने कोरोना को स्वास्थ्य संकट के रूप में स्वीकार कर कथित तौर पर रोकथाम उपायों को शुरू किया. लेकिन अब स्थिति और खराब होने लगी है.''
आगे उन्होंने लिखा कि गरीब बिहारी अभी भी देशभर में फंसे हुए हैं .वो भूखे पेट खाने की भीख और मदद मांग रहे हैं. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से बचाव के लिए पीपीई सुरक्षा किट, एन95 मास्क, हैंड सैनिटाइजर इत्यादि बुनियादी उपकरणों और सामग्री के लिए निरंतर गुहार लगा रहे हैं.
हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहा
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की ओर से दिए गए हेल्पलाइन नंबर या तो लग नहीं रहे हैं या जवाब नहीं दे रहे हैं. गरीब और दैनिक मजदूर को भोजन और राशन प्रदान नहीं किया जा रहा है.डॉक्टरों नर्सों को पीपीई, N95 मास्क नहीं मिल रहे हैं.
उन्हें बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करने या फिर नौकरी से हटाने की धमकी दी जा रही है. तंग होकर वे अपने खुद के वीडियो बनाने और इसे वायरल करने के लिए मजबूर हैं.
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