शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर चल रहे बंधक बनाकर रेप करने के मामले में स्थानीय अदालत ने राज्य सरकार की मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज करते हुए जमानती वारंट जारी किया है.


चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या को बंधक बनाकर रखने एवं उसके साथ रेप करने का मामला दर्ज है. इसे खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा था जो जिला प्रशासन की ओर से कोर्ट भेजा गया था जिसमें 15 मई की मुकर्रर की गयी थी.


मुकदमा वापस लेने की अर्जी खारिज


इस बात की जानकारी मिलने पर पीड़िता ने अदालत को पत्र भेजकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी जिसके बाद कल 24 मई को पीड़िता की ओर से लिखित में आपत्ति दाखिल की गई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) शिखा प्रधान की अदालत ने पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया है.


जमानती वारंट जारी


अदालत ने पीड़िता की ओर से दी गई अर्जी को मानते हुए मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी है साथ ही चिन्मयानंद के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया है.अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद को अगली तारीख पर अदालत में हाजिर होने का भी आदेश दिया है.


बता दें कि पीड़िता ने 30 नवंबर 2011 को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसे बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया था, जिसके बाद चिन्मयानंद हाई कोर्ट से स्थगन आदेश ले आए थे और हाई कोर्ट का आदेश समाप्त होते ही राज्य सरकार ने मुकदमा वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है.