लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे सीएल वर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, पार्टी से निकाले गए
लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिफ्त रहे सी.एल. वर्मा की छुट्टी कर दी गई है. वर्मा को बसपा ने बीते लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था.
लखनऊ: यूपी में अपनी खोई साख को दोबारा हासिल करने के लिए बसपा सुप्रीमो ने जमीन तलाशने की कवायद शुरू कर दी है और पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. मायावती ने लोकसभा चुनाव में लखनऊ के मोहनलाल गंज क्षेत्र से बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे सी.एल.वर्मा के खिलाफ पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है, उन्हें निष्कसित कर दिया गया है. बसपा ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि में लिप्त होने के आरोप में बसपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
बसपा लखनऊ के जिलाध्यक्ष डॉ़ हरिकृष्ण गौतम ने बताया कि लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधि में लगे वर्मा को कई बार चेतावनी दी गई थी. इसके बाद भी उनके आचरण में कोई सुधार नहीं आया, तब उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया.
बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेहद करीबी रहे सी.एल. वर्मा को बसपा ने बीते लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था. लखनऊ जिले के मोहनलाल गंज लोकसभा सुरक्षित क्षेत्र से बसपा-सपा के प्रत्याशी रहे सी.एल. वर्मा बसपा सरकार के कार्यकाल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के ओएसडी थे. वह तृतीय श्रेणी कर्मचारी की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे.
बीते दिनों एक दर्जन से अधिक लोगों को पार्टी से बाहर किया गया है. जिन विधायकों को निष्कासित किया गया है उनमें सदर सीट से दो बार विधायक रहे जितेन्द्र चौधरी, महदेवा सीट से विधायक रहे दूधराम, रुधौली से विधायक रहे राजेन्द्र चौधरी और कप्तानगंज के विधायक व पूर्व मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी शामिल हैं.
जिला अध्यक्ष ने बताया कि इन चारों को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गिविधियों में शामिल होने की शिकायत के बाद निकाला गया है. जिला अध्यक्ष संजय धूसिया ने बताया कि सभी को निकालने का उपर से निर्देश था, और बसपा सुप्रीमो की जांच के बाद ये कार्यवाही की गई है.
बता दें कि मायावती ने एक बार फिर यूपी में बीएसपी का पूरा संगठन बदल दिया है. राज्य के उन्होंने चार भाग में बांट दिया है. हर हिस्से को सेक्टर का नाम दिया गया है. हर सेक्टर की ज़िम्मेदारी दो बड़े नेताओं को दी गई हैं . पहले सेक्टर में भीमराव अंबेडकर और सांसद गिरीश जाटव को लगाया गया है. लखनऊ, मेरठ, बरेली और मुरादाबाद मंडल को इस सेक्टर में रखा गया है.
आगरा, अलीगढ़, कानपुर, चित्रकूट और झांसी मंडलों को मिलाकर दूसरा सेक्टर बनाया गया है. मायावती ने आरएस कुशवाह और चिंतामणि को सेक्टर दो का प्रभारी बनाया है. प्रयागराज, मिर्ज़ापुर और फ़ैज़ाबाद को मिला कर सेक्टर तीन बना है. जिसका इंचार्ज राज्य सभा सांसद अशोक सिद्धार्थ और दिनेश चंद्र को बनाया गया है. सेक्टर चार में गोरखपुर, आज़मगढ़ और वाराणसी को रखा गया है. इस इलाक़े की ज़िम्मेदारी मुमताज़ अली को दी गई है. वे यूपी में बीएसपी के भी अध्यक्ष हैं.
बुलंदशहर: जेल के अंदर बना रेडियो स्टेशन, कैदी सुन रहे हैं अपने पसंद के गाने
कानून में व्यापक बदलाव की तैयारी में केंद्र सरकार, आईपीसी और सीआरपीसी में होगा परिवर्तनगोरखपुर: आकर्षण का केंद्र बना हुआ है लाइट एंड साउंड शो, कराता है नाथ पंथ की अद्भुत महिमा के दर्शन