यूपी सरकार और कांग्रेस में बसों पर छिड़ा सियासी संग्राम, प्रवासी मजदूरों की मदद पर तेज हुआ लेटर वार
यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच प्रवासी मजदूरों के लिये बसों के इंजताम पर जबरदस्त जुबानी जंग शुरू हो चुकी है. दोनों ओर से एक दूसरे को चिट्ठी लिखकर दांव देने की कोशिश की जा रही है. पढ़िये ये दिलचस्प मामला
लखनऊ, एबीपी गंगा। पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के उनके घर पहुंचाने के मुद्दे ने सियासी रंग ले लिया है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी के बीच खत के जरिये एक दूसरे पर जबरदस्त निशाना साधा जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिये प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से एक हजार बसें चलाने के लिये इजाजत मांगी थी. बस फिर क्या था सियासी रार यहीं से शुरू हो गयी. राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार शाम को कांग्रेस से बसों की सूची मांगी थी. इस पर प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह ने सरकार को चिट्ठी लिखी है.
सरकार ने लखनऊ में मांगी बसें
आपको बता दें कि अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी निजी सचिव संदीप सिंह को पत्र भेजा. इसमें उन्होंने लिखा कि सभी बसें लखनऊ स्थित वृंदावन योजना सेक्टर- 15 और 16 में पूर्वाह्न 10 बजे लाकर खड़ी करें. सभी बसों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, परिचालकों के परिचय पत्र और बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जिलाधिकारी लखनऊ को सौंप दें. अनुमति पत्र दे दिए जाएंगे.
संदीप सिंह का जवाब
इस पत्र के जवाब में संदीप सिह ने भी पत्र लिखा और कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को घर लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. इस संबंध में हमसे बसों और चालकों का विवरण मांगा गया, जिसे कुछ समय के बाद ईमेल से उपलब्ध करा दिया गया, लोकिन आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वह पिछले दिन तीन दिनों से हमसे बसों की सूची मांग रहे थे. फिर सोमवार देर रात 11.40 बजे ईमेल से यूपी सरकार का एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें 1000 बसों का तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे देने की बात कही गई है.
यही नहीं संदीप सिंह ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगात हुये कहा कि खाली बसों को लखनऊ भेजना समय की बर्बादी है बल्कि अमानवीयता है। हम यूपी के बॉर्डर पर फंसें हजारों श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर पर बसों को चलाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जाएं.
अब सरकार ने गाजियाबाद में बसें देने को कहा
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने संदीप सिंह के पत्र का जवाब देते हुये लिखा कि आप लखनऊ में बसें देने में असमर्थ हैं इसलिये 500 बसें गाजियाबाद में 12 बजे तक उपलब्ध करा दें। बसों से जुड़ी सारी जानकारी जिलाधिकारी गाजियाबाद को दें.
सोमवार को सीएम योगी ने पूछे थे चार सवाल
आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी से चार सवाल पूछे थे. इनमें से एक सवाल था कि आप एक हजार बसें चलवाना चाहती हैं तो कांग्रेस शासित राज्यों से यूपी के श्रमिक पैदल क्यों आ रहे हैं? यही नहीं उन्होंने औरैया हादसे पर कांग्रेस को घेरते हुये कहा था कि क्या कांग्रेस इस हादसे की जिम्मेदारी लेगी. सीएम योगी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुये कहा था कि ये मदद का स्वांग रच रहे हैं.
यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच लेटर युद्ध घमासान की ओर बढ़ रहा है. अब ये देखना है कि कांग्रेस गाजियाबाद में प्रवासी मजदूरों के लिये 500 बसों का इंतजाम करती है या नहीं. अगर करती है तो यूपी सरकार का इस पर क्या रुख रहेगा. बहरहाल अब ये सियासी लड़ाई एक अलग रंग लेती दिखाई पड़ रही है.