हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सभा में आज जमकर हंगामा हुआ. मुआवजे को लेकर किसानों ने अखिलेश की सभा में कुर्सियां भी उछालीं.


सीएम अखिलेश यादव को यहां डायल 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना था. लेकिन उससे पहले ही हमीरपुर और कानपुर के कुछ किसानों ने हंगामा कर दिया. किसानों ने अखिलेश की भी नहीं सुनी और कुर्सियां फेकंने लगे.


आपको बता दें कि हंगामा करने वाले किसानों की जमीन पर घाटमपुर में पावर प्लांट बन रहा है. किसानों का आरोप है कि उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला.



पैसा नहीं, लेनदेन होता है काला-सफेद: अखिलेश यादव


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को हमीरपुर यूपी पुलिस की डायल 100 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई. ये गाड़ियां जालौन, महोबा और हमीरपुर जिले के लिए दी गई हैं. इस दौरान अखिलेश ने केंद्र सहित विपक्षी पार्टियों पर हमला किया.


सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि पैसा काला-सफेद नहीं होता बल्कि लेन-देन काला-सफेद होता है. उन्होंने बुंदेलखंड इलाके में खुले में घूम रहे पशुओं के खाने और इलाज की व्यवस्था के इंतजाम का आश्वासन दिया.


दो साल पहले किसने दिया था अच्छे दिन का नारा ?


अखिलेश ने कहा, "यहां जितने लोग बैठे हो बताओ कि अच्छे दिन का नारा दो साल पहले किसने दिया था. शायद आप समझ पाए या न समझ पाए कि अच्छे दिन क्या हैं, लेकिन मैं मुख्यमंत्री होने के नाते जानना चाहता हूं कि अच्छे दिन क्या हैं. वही अच्छे दिन लाने वाले ने सभी को लाइन में खड़ा कर दिया."



उन्होंने कहा, "हमारे गरीब और किसान भाइयों यह मत समझना कि 500 व 1000 रुपये बंद होने से कालाधन खत्म हो जाएगा. इसके लिए हमें लड़ना होगा. पैसा कोई काला-सफेद नहीं होता. पहले दिन से कह रहा हूं कि लेन-देन काला-सफेद होता है, पैसा नहीं."


बीजेपी सरकार ने किया पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट करने का काम


अखिलेश ने कहा, "हमने कालेधन वाले, भ्रष्टाचार करने वाले को लाइन में लगवा दिया. पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट करने का काम बीजेपी सरकार ने किया है. झांसी सहित पूरे यूपी में समाजवादी सरकार ने काम किया है. 500 बेड का अस्पताल दिया है, वो बनकर तैयार हो गया है. बांदा के मेडिकल कॉलेज को भी बढ़ाया. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बनाई, लेकिन पानी का इंतजाम नहीं हो पाया. हाथीवाले लोग (बीएसपी) इसके लिए जिम्मेदार हैं."


उन्होंने कहा, "पहले शिकायत करने आप थाने में जाते थे. अब किसी गरीब को या किसी परेशान को डायल 100 से सहायता मिलेगी. 100 नंबर की इतनी बड़ी व्यवस्था कहीं नहीं हुई, जितनी यूपी में हुई है. यह देश में उदाहरण बनने जा रहा है."