समाजवादी दंगल पार्ट-2: अखिलेश ने 403 उम्मीदवारों की सूची मुलायम सिंह को सौंपी
लखनऊ: यूपी चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले राज्य के सीएम अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को सौंपी है. अखिलेश ने अपनी ओर से सभी 403 उम्मीदवारों की सूची एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह को सौंपी है.
ये खबर इसलिए चौंकाती है क्योंकि यूपी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव हैं और उम्मीदवार तय करना उनका काम है लेकिन ये काम अखिलेश ने ही कर दिया है. जाहिर है परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है.
अखिलेश की दावेदारी पर शिवपाल का गोलमोल जवाब
यूपी चुनाव में अखिलेश यादव समाजवादी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पेश किये जा रहे हैं, लेकिन चाचा शिवपाल यादव ने ही भतीजे के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर सवाल खड़ा कर दिया है. तो क्या सैफई परिवार में चाचा-भतीजा की जंग फिर शुरू हो चुकी है ?
पहले अखिलेश को सीएम बनाने की बात कही थी
खास बात है कि पिछले दिनों जब अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे तब शिवपाल यादव ने एक तरह से अखिलेश के सामने सरेंडर करते हुए कहा था कि हर हालत में सीएम अखिलेश यादव ही होंगे.
नेताजी पार्टी के सबसे बड़ा चेहरा- शिवपाल
लेकिन अब शिवपाल यादव अपने पुराने बयान से पलटते हुए नजर आ रहे हैं. एबीपी न्यूज से खास बात में उन्होंने मुलायम सिंह को समाजवादी पार्टी का सर्वेसर्वा बताकर अखिलेश यादव पर बढ़त बनाने की कोशिश की है.
शिवपाल यादव के इस बयान में एक बड़ा राजनीतिक पेंच हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस बार टिकट बंटवारा में मुख्य तौर पर मुलायम सिंह और शिवपाल यादव की चल रही है, क्योंकि मुलायम सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वहीं शिवपाल यादव यूपी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं. ऐसे में अगर शिवपाल यादव के पसंदीदा आदमी विधायक बनते हैं तो फिर विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव का पलड़ा भारी हो सकता है.
शुक्रवार को अखिलेश ने 100 समर्थक विधायकों से मुलाकत की
समाजवादी पार्टी के इस सियासी दांवपेंच पर अखिलेश यादव की भी नजर है. यही वजह है कि दो दिन पहले उन्होंने अपने समर्थक 100 से ज्यादा विधायकों के साथ सीएम आवास पर मुलाकात की. खबर है कि अखिलेश यादव की उस बैठक का मकसद मुलायम सिंह और शिवपाल यादव पर दबाव बनाना है.
टिकट बांटने में मुझे भी अधिकार मिलना चाहिए- अखिलेश
अखिलेश यादव लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि जब चुनाव उनके नाम और काम के आधार पर लड़ा जाना है तो फिर टिकट बांटने में उन्हें भी अधिकार मिलना चाहिए लेकिन शिवपाल यादव हर बार मुलायम सिंह का नाम आगे करके अखिलेश यादव की इस मांग को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं. अब तो उन्होंने अखिलेश यादव की सीएम पद की दावेदारी पर नये सिरे से सवाल खड़ा कर दिया है. इंतजार कीजिए, अखिलेश खेमे से उनके उनके इस चाल का काट क्या आता है ?