Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या विवाद पर अपना अंतिम फैसला सुना दिया है और पूरी विवादित जमीन को रामलला पक्षकार को दे दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले का स्वागत किया है.


नीतीश कुमार ने कहा कि सभी पक्षों को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी को स्वीकारना चाहिए. अब इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. हम सभी से अपील करना चाहेंगे कि नकारात्मक माहौल न बनाएं और शांति बनाएं रखें.''


आपको यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित जमीन का पूरा टुकड़ा रामलला पक्ष को दे दिया. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने भगवान राम के अस्तित्व को माना है और इस पर किसी प्रकार के विवाद होने की बात से इंकार किया है. हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि केवल आस्था के बल पर किसी के हक में फैसला नहीं दिया जा सकता.


इसी के साथ कोर्ट ने ये भी माना है कि विवादित ढांचे में मुस्लिमों के नमाज पढ़ने और हिंदुओं के पूजा करने के सबूत मिले हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली स्थान पर नहीं किया गया था, बल्कि उसके नीचे एक बड़ा विशाल संरचना थी जिसे गिराकर मस्जिद का निर्माण किया गया था.


हालांकि कोर्ट ने अपने फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी वैकल्पिक जमीन देने की बात कही है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने में ट्र्स्ट बना कर फैसला करे. ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाए, मन्दिर निर्माण के नियम बनाए. विवादित जमीन के अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट को दिया जाए.'' कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की वैकल्पिक ज़मीन मिले. या तो केंद्र 1993 में अधिगृहित जमीन से दे या राज्य सरकार अयोध्या में ही कहीं दे