पटनाः बिहार में इन दिनों 2020 में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारी में हर पार्टी लगी हुई है. महागठबंधन और एनडीए दोनों ही एकजुट होने का दावा कर रहे हैं. दोनों का दावा है कि मिलकर और ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. नीतीश कुमार लगभग हर साल किसी न किसी बहाने बिहार की जनता को नब्ज टटोलने यात्रा पर निकल पड़ते हैं. नीतीश की ये यात्रा पूरी तरह से सरकारी होती है. सरकार के काम की समीक्षा और योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करते हैं.


इस बार नीतीश कुमार की यात्रा बेहद खास है. कहने को तो सीएम नीतीश कुमार जल-जीवन यात्रा पर निकल रहे हैं. तीन दिसंबर यानि मंगलवार से उनकी इस यात्रा की शुरुआत होगी. पहले चरण की यात्रा तीन से शुरू होकर छह दिसंबर तक चलेगी.


बता दें कि सीएम की इस यात्रा के पीछे लोगों को पर्यावरण जागरुकता का मकसद बताया जा रहा है. शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह के बहाने नीतीश ने महिलाओं का दिल जीता था.


अब जलवायु परिवर्तन से विश्व में चिंता की जा रही है. कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. हाल ही में बिल गेट्स आए थे उन्होंने अंतरराषट्रीय स्तर पर इस ओर किए जा रहे काम की सराहना की थी.


नीतीश अगली पीढ़ी के लिए क्या करने जा रहे हैं ये लोगों को बताएंगे. हर वर्ग और हर उम्र के लोगों को नीतीश बताएंगे कि कितना खर्च कर रहे हैं और क्यों. अपने हर कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने जल-जीवन हरियाली पर जोर देने की अपील करेंगे.


नीतीश कुमार यूं तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस हरियाली यात्रा पर निकल रहे हैं. लेकिन, पार्टी की माने तो इस यात्रा का सिर्फ मकसद है लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना. साथ ही बिहार में नदी, तालाब-कुंओं से लेकर जल संचय का संग्रहण करने के साथ साथ वन पर्यावरण को बढ़ावा देना.


नीतीश के इस यात्रा पर विरोधी तंज कस रहे है. आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने इसे फिजूल खर्च बताया. गौरतलब है कि बिहार के अलग अलग हिस्से में इस बार सूखे और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं का लोगों ने सामना किया. बल्कि बिहार की राजधानी पटना में सितम्बर के आखिरी महीने में बारिश कहर बन टूटा था.


हालांकि, नीतीश कुमार ने मंच से दिए गए लगभग सभी भाषणों में लोगों से प्रकृति और हरियाली पर ध्यान देने की बात कही है.


सीएम, सियासत और यात्रा कनेक्शन


पहली बार जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो यात्रा कर जनता के बीच लोगों के मूड को भांपने के लिए किसी ना किसी यात्रा पर निकल जाते थे. यात्रा के बहाने सरकारी कार्य की जमीनी हकीकत भी देख लेते थे. साथ ही जनता का मूड भांप नई रणनीति भी बना लेते थे.


विधान सभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार सामाजिक सरोकार के मुद्दे जल-जीवन हरियाली यात्रा के बहने जनता को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने और जनता के मुड को भापने की कोशिश भी करेंगे.


चौबीस हजार करोड़ की यात्रा


सीएम की इस योजना का खर्च लगभग चौबीस हजार करोड़ का बताया जा रहा है. साथ ही सरकार को उम्मीद है की इस योजना के सफल होने से बिहार के पर्यावरण में भी बड़ा बदलाव होगा.


नीतीश कुमार ने अभी तक कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत बिहार में की है जिसकी चर्चा देश भर में होती है. नीतीश के जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की चर्चा भी देश भर में हो रही है योजना में तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त करना. नदी और कुंओं से लेकर आहरा-पाईन तक को पुनर्जीवत करने के साथ साथ बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाना.


पहले भी कई यात्राओं पर जा चुके हैं नीतीश कुमार


नीतीश कुमार इससे पहले भी बिहार भ्रमण कर चुके हैं. सीएम के यात्राओं को अलग अलग नाम दिया जा चुका ही. इनमें न्याय यात्रा, विकास यात्रा, धन्यवाद यात्रा, प्रवास यात्रा, विश्वास यात्रा, सेवा यात्रा, अधिकार यात्रा, संकल्प यात्रा, संपर्क यात्रा, निश्चय यात्रा, समीक्षा यात्रा शामिल है.


नीतीश कुमार 3 दिसंबर से जिस यात्रा पर निकलने वाले हैं उसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. इस यात्रा को चुनावी साल के पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस यात्रा के बहाने नीतीश जनता का मूड भी भांपना चाहेंगे.


यात्रा कार्यक्रम:


जिला पश्चिम चंपारण - 3 दिसंबर


11.30 बजे - चंपापुर गनौली
12.15 बजे - प्रखंड बगहा, जिला बेतिया
2.00 बजे - मंझौलिया प्रखंड
5.00 बजे - समाहरणालय सभाकक्ष, बेतिया
जिला पूर्वी चंपारण -


4 दिसंबर


11.00 बजे - पिपरा पंचायत परिसा, प्रखंड अरेराज, मोतिहारी
12.15 बजे - अनुमंडल मुख्यालय परिसर, अरेराज 5.00 बजे - डॉ. राधाकृष्ण भवन, समाहरणालय, मोतिहारी


जिला सिवान - 5 दिसंबर


11. 00 से 12.15 बजे - राजपुर टोला पांडे, पंचायत मुहम्मदपुर, प्रखंड भगवानपुर हाट


जिला गोपालगंज - 6 दिसंबर


11.35 बजे से 12.30 बजे - देवापुर पंचायत, प्रखंड बरौली
4.00 बजे - समाहरणलय सभाकक्ष, गोपालगंज