नई दिल्ली: भोपाल के एक शेल्टर हाउस में 20 साल की मूक बधिर आदिवासी छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म की घटना को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया है. सीएम ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह प्रदेश के सभी आश्रय स्थलों और छात्रावासों का हर महीने निरीक्षण करें. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर शेल्टर हाउस के संचालक अश्विनी शर्मा को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने आवास पर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, ‘मैंने आज संबंधित अधिकारियों की बैठक ली. उन्हें प्रदेश के सभी आश्रय स्थलों का हर महीने निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही बालिकाओं के छात्रावासों के लिये भी नियम बनाने के निर्देश दिये हैं.’ उन्होंने कहा कि 'इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषी की गिरफ्तारी हो गयी है. जांच पड़ताल कर जल्दी ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा और दोषी को कड़ी सजा दिलायी जाएगी'.


मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रदेश के उन सभी अनुदान प्राप्त, निजी या सरकारी शेल्टर हाउस छात्रावासों का हर माह निरीक्षण किया जायेगा जहां बेटियां रहती हैं. अनुदान प्राप्त संस्थाओं का फिलहाल हर दो महीने में निरीक्षण होता है'. उन्होंने अनाथालयों का भी निरीक्षण करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि 'ऐसी घटनाओं से मन व्यथित होता है. केवल संस्था चलाने वालों के भरोसे संचालन का काम नहीं छोड़ा जायेगा. नियमित निरीक्षण किया जायेगा. कई संस्थाएं अच्छे भाव से अनाथालय जैसी संस्थाएं चलाती हैं लेकिन उनका भी नियमित निरीक्षण जरूरी है'.


मुख्यमंत्री ने कहा कि 'निजी छात्रावासों में जहां बाहर से बेटियां पढ़ने आती हैं, उनके लिये भी नियम बनाये जायेंगे. निरंतर निरीक्षण की व्यवस्था की जायेगी. प्रशासन पूरा प्रयास करेगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों'.