बागपत: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को गन्ने की जगह दूसरी फसल उगाने की सलाह दी है. योगी का कहना है कि गन्ने से डायबिटीज होती है और देश भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बागपत दौरे पर थे वहां उन्होंने चीनी मिल मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि 15 अक्टूबर तक गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया तो सरकार का डंडा भी चलेगा.


सीएम योगी जाट कॉलेज में शामली खंड नेशनल हाईवे चार लेन चौड़ीकरण शिलान्यास समारोह में पहुंचे थे. समारोह में उनके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रशाद मोर्या, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी मौजूद थे.


योगी आदित्यनाथ ने किसानों से गन्ने के अलावा अन्य फसलों को भी बोने की अपील की. योगी ने कहा कि दिल्ली का बाजार पास है आप लोग फायदे में रहेंगे.


योगी ने कहा, '' हमारी सरकार ने किसानों को 36 हजार करोड़ रुपए का भुगतान सीधे उनके खाते में किया है. 10 हजार करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी बाकी है, उसे भी जल्द निपटा दिया जाएगा. इसके लिए योजना बनाई जा रही है. योगी ने कहा कि सरकार चीनी मीलों को सॉफ्ट लोन भी देगी ताकि वो आगे बढ़ सकें.


सरकार का वायदा निकला झूठा, अभी भी 43 फीसदी गन्ना का भुगतान बाकी


पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में 2017 में करीब 3 लाख हैक्टेअर रकवे में गन्ना बोया गया था. प्रदेश सरकार ने गन्ना डालने के 14 दिन के भीतर किसानों को भुगतान कराने के आदेश दिये थे. मगर बीते वर्ष के गन्ने की कीमत का महज 57 फीसदी भुगतान ही शुगरमिलें कर पायी. शुगरमिलों ने इस सत्र में किसानों को 2836 करोड़ रूपये का गन्ना भुगतान किया जबकि 2166 करोड़ रूपये की भुगतान अभी भी बकाया है. मेरठ की किनौनी शुगर मिल और बुलंदशहर की अनामिका शुगरमिल गन्ना किसानों को भुगतान करने में सबसे फिसड्डी है. सरकार आगामी 15 अक्टूबर से नया पेराई सत्र शुरू करना चाहती है.


 क्या राजनाथ को अनुसरण कर रहे है सीएम योगी


मेरठ में पिछले महीने हुई बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार से कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को लेकर एक कटु टिप्पणी की थी. उन्होने कहा था कि कार्यकर्ताओं को केवल काम करना होता है फल की इच्छा भूल जाइये. आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा. इस जन्म में नही तो अगले जन्म में. सीएम योगी की गन्ना किसानों पर की गई टिप्पणी को इसी तर्ज पर देखा जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गन्ना किसानों की दिक्कतों को दूर करने के तमाम वायदे किये थे.