सीएम योगी ने इशारों-इशारों में अखिलेश यादव को बताया औरंगजेब
योगी आदित्य नाथ ने अखिलेश यादव को अवसरवादी करार देते हुए कहा, ''जो अपने बाप-चाचा का नहीं हुआ, वो आपको अपने साथ जोड़ने की बात करता है. इतिहास में एक पात्र आते हैं, कैसे उन्होंने अपने बाप को कैद करके रखा था. इसलिए कोई मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता. कुछ ऐसा ही समाजवादी पार्टी के साथ जोड़ा गया है.''
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है. योगी आदित्य नाथ ने अखिलेश यादव को अवसरवादी करार देते हुए कहा, ''जो अपने बाप-चाचा का नहीं हुआ, वो आपको अपने साथ जोड़ने की बात करता है. इतिहास में एक पात्र आते हैं, कैसे उन्होंने अपने बाप को कैद करके रखा था. इसलिए कोई मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता. कुछ ऐसा ही समाजवादी पार्टी के साथ जोड़ा गया है.''
Jo apne baap aur chacha ka nahi hua, wo aapko apne sath jodne ki baat karta hai. Itihas mein ek paatr aate hain, kaise unone apne baap ko kaid karke rakha tha. Isliye koi musalman apne putra ka naam Aurangzeb nahi rakhta. Kuch aisa Samajwadi Party ke sath bhi joda gaya hai: UP CM pic.twitter.com/nkU3pGt06p
— ANI UP (@ANINewsUP) September 7, 2018
दरअसल सीएम योगी इशारे-इशारे में मुलायम परिवार की रार की तरफ इशारा कर रहे थे. बता दें कि मुलायम परिवार में इन दिनों घमासान मचा हुआ है. जहां एक तरफ शिवपाल यादव अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. वहीं अखिलेश ने भी अब अपनी चुप्पी तोड़ दी है. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. या यूं कहें कि चाचा-भतीजे में ठनी हुई है. इन सबके बीच मुलायम सिंह यादव खामोश नजर आ रहे हैं. पिछले दिनों अखिलेश ने शिवपाल का नाम लिए बग़ैर कहा था कि चाचा और बीजेपी के सबसे बड़े नेता की मीटिंग हो चुकी है. उन्होंने कहा था कि ऐसा कुछ लोगों ने उन्हें बताया है.
वहीं समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद से ही शिवपाल यादव एक्शन में हैं. अखिलेश यादव से नाराज़ चल रहे नेताओं को वे लगातार इस मोर्चे से जोड़ने में जुटे हुए हैं. काठमांडू रवाना होने से पहले शिवपाल यादव ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव वे पूरे दमख़म से लड़ेंगे. उनका दावा है कि 2022 में उनके मोर्चे के बिना यूपी में सरकार नहीं बन सकती है. समाजवादी पार्टी में लगातार उपेक्षित रहने के बाद शिवपाल यादव अब अलग राह पर हैं. 36 साल पहले जिस पार्टी को बनाने में उनका रोल रहा, अब वे उसी से आर पार की लड़ाई लड़ रहे हैं.
शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी में उपेक्षित नेताओं को गोलबंद करना शुरू कर दिया है. वे अब ऐसे नेताओं को धीरे-धीरे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा से जोड़ रहे हैं. इटावा के पूर्व सांसद रघुराज शाक्य अब समाजवादी पार्टी को छोड़ कर मोर्चा में शामिल हो गए हैं. वे इटावा से दो बार लोकसभा के एमपी रहें. शाक्य एक बार विधायक भी रह चुके है. अपने समर्थकों के संग उन्होंने पार्टी छोड़ दी.
अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ल भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नेता बन गए हैं. वे लखनऊ से विधायक भी रहे. यूपी की पूर्व कैबिनेट मंत्री शादाब फ़ातिमा ने भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. वे शिवपाल यादव के सेक्युलर मोर्चा में शामिल हो गईं हैं. वे ग़ाज़ीपुर से दो दो बार विधायक रह चुकी हैं. पीस पार्टी के पूर्व विधायक कमाल यूसुफ़ ने भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का दामन थाम लिया है. वे सिद्धार्थनगर जिले से विधायक चुने गए थे.
शिवपाल यादव की कोशिश है कि पहले ग़ैर यादव नेताओं को मोर्चा से जोड़ा जाये. समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव ने जिन नेताओं को किनारे लगा दिया था. वे धीरे-धीरे शिवपाल के मोर्चे में जगह बनाने लगे हैं.