लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि कोई फाइल ऑफिस में तीन दिन से अधिक रुकनी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो फिर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी. यह निर्देश उनके और मुख्य सचिव के कार्यालय पर भी लागू होगा. वे मीटिंग में अफसरों से नाराज दिखाई दिए.


योगी आदि‍त्यनाथ ने विभागीय कामकाज में गति लाने को कहा. योगी ने लोकभवन में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र की पाइप पेयजल योजना की समीक्षा की. पौने दो साल बाद भी विभागीय औपचारिकताओं के कारण इस पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. सीएम इस बात पर नाराज दिखे.


उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वाकांक्षी और जनहित से जुड़ी परियोजना है. "मैं इसके प्रगति की कई बार समीक्षा कर चुका हूं. इसके बावजूद स्थिति यह है कि फाइलों पर आपको बार-बार टिप्पणी लिखनी पड़ रही है. इसकी जगह आपस में बैठ जाएं तो कुछ मिनटों में समस्या हल हो जाएगी और काम में गति आ जाएगी. आपका काम गति देना भी है, बैरियर बनना नहीं."


उन्होंने कहा,"अगर आपसी वार्ता में कोई दिक्कत है तो मुख्य सचिव या मेरे कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का हल निकाल सकते हैं. जरूरत हो तो मुझे भी बता सकते हैं. कोई भी योजना संबंधित विभाग मिलकर संपूर्णता में बनाएं. जितनी भी आपत्तियां हैं उनके निस्तारण एक साथ करें. हर काम की हर महीने के डेडलाइन तय कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराएं."