लखनऊ: गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपी प्रोविजनल डिविजन कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट बस्ती में तैनात रहे एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आलोक रमन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बर्खास्त करने का आदेश दिया है. वहीं परिवहन विभाग के भी तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में सरकार ने निलंबित कर दिया है.


जानकारी के मुताबिक बस्ती में तैनाती के दौरान एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रमन ने बिना किसी ठोस वजह के विभाग के 43.95 करोड़ रुपये के खर्च कर दिए थे. मामले की जांच हुई तो आरोप सही साबित हुए. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी ने सख्त रवैया अपनाते हुए आलोक रमन को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रकरण की गंभीरता से जांच की जाए और सरकारी पैसे की रिकवरी भी की जाए.


वहीं एक अन्य मामले में सरकार ने वाराणसी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सर्वेश सिंह और वाराणसी के पूर्व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अमित राजन राय को कई मामले को लेकर निलंबित किया है. इन दोनों को झारखंड के फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर गाड़ियों की चेचिस पर बॉडी बनाकर रजिस्ट्रेशन कराए जाने, फिटनेस फीस जमा ना कराए जाने और वाहनों के इंस्पेक्शन पेपर्स के प्रस्तुतीकरण के समय से न किए जाने को लेकर निलंबित कर दिया गया है.


एक अन्य मामले में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय नियमानुसार प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने पर अंबेडकर नगर के सहायक परिवहन अधिकारी (प्रशासन) कैलाश नाथ सिंह को भी निलंबित किया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी पद पर नियुक्ति में नियमों की अनदेखी करने वाले जनपद बदायूं, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी और कासगंज के पूर्व जिला विकास अधिकारियों को निलंबित करने के भी आदेश दिए हैं.


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