नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने सभी को 24 घंटे बिजली मुहैया करानी बड़ी चुनौती है. वजह है यूपी में होने वाली बिजली चोरी. राज्य में 30 फीसदी से ज्यादा बिजली चोरी होती है. दिलचस्प ये कि मुलायम सिंह के जिले इटावा और सीएम के जिले गोरखपुर के कुछ हिस्सों में करीब 80 फीसदी बिजली चोरी होती है. यानी पांच में से सिर्फ एक इंसान बिजली का बिल देता है. ऐसे में सवाल ये है कि इन बिजली चोरों से कैसे निपटेंगे योगी.


यूपी की बिजली व्यवस्था सीएम योगी आदित्यनाथ का सिरदर्द बनने वाली हैं. चुनावों के दौरान तो बिजली के तार और तारों में बिजली मुद्दा बने थे. लेकिन असली यूपी का बड़ा मर्ज बिजली चोरी है. यूपी पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक रिपोर्ट में बिजली के नुकसान का खुलासा किया गया है. चुनावों से पहले के आंकड़ों पर तैयार इस रिपोर्ट में सामने आया कि सबसे बड़े बिजली चोर जिले हैं




  • 1 इटावा जो मुलायम सिंह यादव का गढ़ है

  • 2 कन्नौज जहां से डिंपल यादव सांसद हैं

  • और 3 गोरखपुर जहां से योगी आदित्यनाथ सांसद चुने जाते रहे हैं.


रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में करीब 31 फीसदी बिजली चोरी हो जाती है. आंकड़ों के मुताबिक 1600 करोड़ यूनिट बिजली चोरी हो जाती है जिसकी कीमत है करीब 6500 करोड़ रुपये. एबीपी न्यूज ने इन तीनों बिजली चोरी में अव्वल जिलों की पड़ताल की.


सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के गृह जनपद इटावा की तस्वीरों में जहां एक तरफ है स्वतंत्रता सेनानी की तस्वीरें और उनके सामने ही बिजली चोरी का मकड़जाल. जहां अधिकारी भी 60 फीसदी बिजली चोरी की बात मान रहे हैं.


कन्नौज जिले की हर गली मोहल्ले में खुले तार नजर आते हैं और तारों से की जा रही चोरी भी साफ नजर आती है. स्थानीय भाषा में इसे कटिया कहा जाता है. 17 लाख की आबादी वाले कन्नौज जिले में 30 से 35 फीसदी बिजली चोरी की बात तो बिजली विभाग भी मान रहा है.


दावा ये किया जा रहा है कि एक बार सारे बिजली तार अंडर ग्राउंड हो जाएं तो बिजली चोरी रूक जाएगी. पर स्थानीय लोग बिजली चोरी को बढ़ावा देने में पिछली सरकार की छूट को बड़ा हाथ मानते हैं.


विद्युत विभाग की रिपोर्ट में गोरखपुर के कुरीराम डिविजन का जिक्र था जिसमें करीब 80 फीसदी बिजली चोरी हो रही है. बिजली विभाग स्टॉफ और मीटर ना लगे होने से चोरी की बात को सही मान रहा है.




  • योगी सरकार के लिए जाने वाले अन्य फैसले

  • 15 जून तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने पर काम तेज

  • अगले 1 हफ्ते में विभागीय काम शुरू होगा

  • पीडब्ल्यूडी की 53,165 किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कें चिन्हित

  • 3406 खरोड़ रुपये के खर्च का अनुमान

  • 7500 किमी सड़कों को गड्ढामुक्त और नवीनीकरण का काम मंजूर

  • तय समय में गड्ढे खत्म न होने के पर अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला

  • नेशनल हाईवे की लगभग 160 किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कों को भी ठीक करने के निर्देश

  • किसानों से गेंहू खरीद का काम कल से शुरू

  • सांसद और विधायक गेंहू खरीद केंद्रों का निरीक्षण करेंगे

  • समर्थन मूल्य की धनराशि सीधे किसानों के खातों में


तो सीधे-सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ के लिए यूपी की सियासी गद्दी संभालने का काम आसान नहीं रहने जा रहा है और बिजली चोरी जैसे मुद्दे तो उनके रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती साबित होने जा रही है जिसे पार कर लिया तो उनकी सरकार का लोहा मान लिया जाएगा ऐसा माना जा सकता है.