लखनऊ: कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा बाधित करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि वर्तमान में राज्य की कानून व्यवस्था पिछले पन्द्रह वर्षो में सबसे अच्छी है और इसे पूरे देश ने स्वीकारा है. उन्होंने कहा कि 'अपराध दर पिछली सरकार से कम है. पिछली सरकार में हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में भी प्राथमिकी नहीं होती थी, सुप्रीम कोर्ट को आदेश देने पड़ते थे. न्यायालय को बार बार हस्तक्षेप करना पड़ता था. हमारी सरकार में सामान्य से लेकर बड़ी से बड़ी घटना तक सभी मामलों की एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट आदेश हैं.'

उन्होंने कहा कि सभी ने राज्य की प्रशंसा की है और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण निवेशक सम्मेलन है. सम्मेलन में चार लाख 68 हजार करोड़ रूपये का प्रस्ताव निवेश आया. शीघ्र ही 50 हजार करोड़ रूपये के अन्य प्रस्ताव धरातल पर उतर रहे हैं.

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योगी ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस आदि द्वारा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के बाद पत्रकार वार्ता में कहा कि 'विधानसभा को जिस सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिये उस सार्थक बहस से विपक्ष खासतौर से सपा और कांग्रेस के नकारात्मक रवैये के कारण विधानसभा को और प्रदेश की जनता को इन लोगो के नकारात्मक रवैये के कारण वंचित होना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक चुनकर आये हैं, लेकिन मुठ्ठी भर लोग विधानसभा को बंधक बनाकर अन्य सदस्यों के हकों को मारने का प्रयास कर रहे हैं, यह लोकतंत्र के लिये बहुत शुभ लक्षण नहीं है.'

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उन्होंने कहा कि 'देवरिया घटना का मुद्दा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उठाया है. इस संस्था को साल 2009 में मान्यता मिली थी तब राज्य और केंद्र में कौन सी सरकारें थीं यह किसी से छिपा नहीं है. उसको अनवरत अनुदान 2009 से 2017 तक मिलता रहा, हमारी सरकार मार्च 2017 में आई और जून 2017 में हम लोगों ने ऐसी सभी संस्थाओं की मान्यता को समाप्त करने और उन्हें सरकार के अनुदान से वंचित करने के आदेश कर दिये थे और उनकी मान्यता को भी समाप्त कर दिया था.'

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 'देवरिया प्रकरण में जो भी दोषी था हमारी सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. इस प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश भी हमारी सरकार ने की है . जब तक सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में लेती है तब तक इस पूरे मामले को यूपी के एडीजी क्राइम के नेतृत्व में एसपी स्तर की दो महिला पुलिस अधिकारी (तीन सदस्यीय टीम) इस पूरे मामले की जांच कर रही है. उच्च न्यायालय इस मामले की निगरानी कर रहा है.'

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उन्होंने कहा,"विपक्ष अपने नाकारेपन को छुपाने और अपनी हास्यास्पद स्थिति को जनता के समक्ष उजागर होने से रोकने के लिए विधानसभा में महत्तवपूर्ण अनुदान मांगों पर और जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के बजाय ध्यान बंटाने के लिये ऐसे मुददों को उठाने का प्रयास कर रहा है जबकि न्यायालय में यह विचाराधीन है. अगर देवरिया की घटना में जो कोई दोषी है तो वे सरकारें दोषी हैं, जिन्होंने उसे मान्यता और अनवरत अनुदान भी दिया था.'

उन्होंने कहा कि यूपी के अब तक आये निवेश और हो रहे निवेश यह साबित करते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर है. कानून व्यवस्था के बारे में समाजवादी पार्टी के लोग या कांग्रेस के लोग हमें समझायेंगे तो यह हास्यापद लगता है.