लखनऊ, संतोष कुमार। औरैया में हुए सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत से मचा हड़कंप और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती का असर दिखाई पड़ने लगा है. उत्तर प्रदेश की सीमा से लेकर हर जिले के बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को रोका जा रहा है और बसों से उनके घर पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया में हुए हादसे के बाद प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने पर अफसरों को फटकार लगाई. हर जिले को परिवहन विभाग और निजी बसों को मिलाकर 200 बसों का पूल बनाने को कहा गया और इन बसों से पैदल चल रहे मजदूरों को उनके शहर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई.


इसके बाद से हर जिले से बसे प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हो रही हैं. राजधानी लखनऊ के सीमावर्ती थाना क्षेत्रों पर पुलिस को तैनात कर प्रवासी मजदूर पारा रोड स्थित शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय पहुंचाए जा रहे हैं, जहां उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है और बसों के जरिए इन प्रवासी मजदूरों को निशुल्क पहुंचाया जा रहा है.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को यह आदेश दिया कि प्रवासी मजदूरों को बस से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए. अब सीएम योगी के फरमान का असर भी दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश की अन्य राज्यों से लगी सीमा पर झड़प की घटनाएं सामने आई हैं, वहीं दूसरा पहलू यह है कि अब सड़कों पर पैदल दूरी नापते प्रवासी मजदूरों की भीड़ नहीं दिख रही. राजधानी लखनऊ में प्रशासन ने रिलीफ कैंप बनवाए हैं, जहां पैदल या साइकिल से जाते नजर आ रहे प्रवासी मजदूरों को ले जाकर भोजन कराने के बाद बसों से उनके गंतव्य को रवाना किया जा रहा है.