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16 महीने में चार बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा नोएडा की 'मनहूसियत' का मिथक
एक वक्त था जब माना जाता था कि यूपी का जो सीएम नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ दिया. वो एक बार नहीं बल्कि चार-चार बार नोएडा आए और बतौर सीएम उनकी कुर्सी सुरक्षित है.
नोएडा: एक वक्त था जब माना जाता था कि यूपी का जो सीएम नोएडा आता है उसकी कुर्सी चली जाती है. लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ दिया. वो एक बार नहीं बल्कि चार-चार बार नोएडा आए और बतौर सीएम उनकी कुर्सी सुरक्षित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा,"योगी जी ने ये भ्रम तोड़ डाला है कि यूपी का सीएम नोएडा नहीं जा सकता."
योगी से पहले अखिलेश यादव सीएम थे. वे कभी नोएडा नहीं आए. उन्होंने कहा जरूर कि वे नोएडा आएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हालांकि मायावती जरूर नोएडा आईं थी. माया से पहले काफी वक्त तक कोई सीएम नोएडा आने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था.
दरअसल नारायण दत्त तिवारी और वीर बहादुर सिंह नोएडा आए थे जिसके कुछ वक्त के बाद ही उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी. 1988 में वीर बहादुर सिंह और 1989 में नारायण दत्त तिवारी की कुर्सी चली गई थी इसी के बाद से इस मिथक ने जन्म लिया था.
1999 में कल्याण सिंह नोएडा आए थे और सत्ता में वापस नहीं लौट सके थे. राम प्रकाश गुप्ता भी 2000 में नोएडा आए थे और कुर्सी नहीं बचा पाए थे.
बतौर सीएम राजनाथ सिंह को एक फ्लाईओवर का उद्घाटन करना था लेकिन वो नोएडा नहीं गए उन्होंने दिल्ली से ही इस फ्लाईओवर का उद्घाटन कर दिया था. मुलायम सिंह यादव ने भी नोएडा से परहेज़ ही रखा और फिर अखिलेश ने भी इसी मिथक को माना.
हालांकि योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को नहीं माना. उन्होंने तो 16 महीने में 75 जिलों का दौरा कर डाला. कुछ जिलों में तो वो कई कई बार गए. 16 महीनों में चार बार नोएडा जाने के बाद उनकी कुर्सी पर फिलहाल तक तो कोई खतरा मंडराता नहीं दिख रहा है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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