आज शाम कमलेश तिवारी के परिवार से मिलेंगे सीएम योगी, अधिकारियों के समझाने के बाद हुआ अंतिम संस्कार
डीजीपी ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी की तरफ से पैगम्बर मोहम्मद पर दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र दौरे से लौटकर आज ही मृतक कमलेश तिवारी के परिवार से मिलेंगे. बता दें कि कमलेश तिवारी का परिवार सीएम योगी के आने के बाद ही अंतिम संस्कार की जिद पर अड़ा था. लेकिन पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों के आश्वासन पर परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया. कमलेश तिवारी के पैतृक घर सीतापुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
बता दें कि लखनऊ के कमीश्नर मुकेश मेश्राम, आईजी के साथ मिलने गए और परिवार की मांगों को पूरा करने का भरोसा भी दिया. दोपहर करीब 2 बजे उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. कमलेश तिवारी के परिवार ने अधिकारियों के सामने कुछ मांगे रखीं. जिनमें एनआईए और एसआईटी इस मामले की जांच करे. परिवार ने यह भी कहा कि मुआवज़े के साथ साथ बेटे की नौकरी भी सरकार सुनिश्चित करे.
कमलेश तिवारी हत्याकांड: 3 साजिशकर्ताओं ने कबूला गुनाह, जानें इस केस में अबतक क्या-क्या हुआ है
इस मामले पर आईजी एसके भगत ने कहा कि परिवार अंतिम संस्कार के लिए इस शर्त पर राज़ी हो गया है कि आज या कल परिजनों की मुलाक़ात सीएम योगी आदित्यनाथ से कराई जाएगी. मुख्यमंत्री सीतापुर आएंगे या परिवार को लखनऊ ले जाया जाएगा, ये अभी तय नहीं है. जिसमें ज्यादा सहूलियत होगी वैसे ही किया जाएगा. आईजी ने कहा कि 2 हत्यारों को लेकर जांच चल रही है और उम्मीद है जल्द गिरफ़्तारी हो जाएगी.
बता दें कि पुलिस ने केस सुलझाने का दावा किया है, गुजरात ATS का दावा है कि तीन आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. गुजरात ATS के DIG हिमांशु शुक्ला ने कहा कि हिरासत में लिए गई तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. यूपी पुलिस के DG ने भी माना कि तीनों साजिशकर्ताओं ने संलिप्तता कबूल कर ली है.
इससे पहले गुजरात ATS ने सूरत से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके बारे में दावा है कि उन्होंने अपना गुनाह कबूल किया है. पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं. पुलिस को इस हत्याकांड का सुराग एक मिठाई के डिब्बे से लगा. मिठाई का डिब्बा सूरत की एक दुकान का था, कहा जा रहा है इसी मिठाई के डिब्बे में हत्यारे हथियार छिपाकर लाए थे. डिब्बे को लेकर सूरत के उधना इलाके की धरती फरसाण में जाकर CCTV के आधार पर छानबीन शुरू की गई. दुकान के सीसीटीवी की जांच के आधार पर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.
कमलेश तिवारी हत्याकांड: परिवार ने कहा- जब तक सीएम योगी नहीं आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
क्या है पूरा मामला? बता दें कि लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, दो लोग कमलेश नसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पानी लाने के लिए भेजा था. जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.
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