लखनऊ से आ रही गुवाहटी एक्सप्रेस के एसी कोच की छत का बड़ा हिस्सा रास्ते में उखड़ गया. इसी हाल में ट्रेन बरेली के पितांबरपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई. करीब सवा दो सौ किलोमीटर तक ट्रेन इसी हालत में चलती रही.
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इस बीच ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की सांसे अटकी रहीं. टीन टूटकर गिरने ही वाली थी, तब ट्रेन को रोका गया. ब्लॉक लेकर टीन शेड को उतारा और ट्रेन रवाना की गई.
सवा दो सौ किलोमीटर तक ट्रेन ऐसी ही चलती रही
छह घंटे देरी से चल रही इस ट्रेन के ऐसी कोच के टॉयलेट की छत का टीन हट गया था. लखनऊ से ट्रेन चलने के बाद ही ट्रेन की छत का टीन उधड़ना शुरू हो गया लेकिन ड्राइवर ट्रेन को लगातार चलाता रहा.
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करीब सवा दो सौ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद जब ट्रेन बरेली की सीमा में पहुंची तो पितांबरपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोककर उसकी छत को सही किया गया. ट्रेन करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ रही थी और यात्रियों की जान अटकी हुई थी.
शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की छत का टीन अलग होकर प्लेटफॉर्म पर गिर गया. शोर होने पर ड्राइवर ने ट्रेन को रोका और फिर टीन को ट्रेन में ही रख दिया गया. पितांबरपुर रेलवे स्टेशन पर टीन को छत पर दोबारा से लगाया गया.
टीन लगने के बाद यात्रियों ने ली राहत की सांस
बरेली जंक्शन पहुंचने पर ट्रेन के पहुंचने पर तकनीकी स्टाफ व जीआरपी ने कोच का निरीक्षण किया. लखनऊ से ट्रेन चलते समय टीटीई चेतराम मीणा को इसकी भनक लग गई थी. टीटी ने कंट्रोल रूम को सूचना दी थी.
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बावजूद इसके लखनऊ से फरीदपुर तक ट्रेन उधड़ी हुई छत के साथ दौड़ती रही. पीतांबरपुर स्टेशन पर गुरूवार को करीब चार बजे ब्लाक लेकर ट्रेन को रोका गया. ऊपर हाईटेंशन लाइन जा रही थी, जिसके करंट को बंद किया गया फिर टीन को लगाया गया.