बरेली: सावन माह में कांवड़ यात्रा की डीएम ने इजाजत नहीं दी जिस वजह से एक सप्ताह से कांवड़िये धरने पर बैठे थे. अब कांवड़ियो ने धरना समाप्त कर दिया है लेकिन कांवड़ यात्रा नहीं निकलने से नाराज कांवड़ियों ने अब धर्म परिवर्तन की धमकी दी है और योगी सरकार को हिन्दू विरोधी बताया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अन्याय किया है जिस वजह से वो लोग अब इस्लाम धर्म कबूल करेंगे.

पूरे महीने रहा तनाव

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बार हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा करके कांवड़ियों का मन मोह लिया. इस बार सावन की शुरुआत होते ही बरेली में जगह-जगह विवाद हुआ. खैलम से लेकर बहेड़ी और बिथरी में जबरदस्त तनाव रहा. पूरे सावन पुलिस इधर उधर भागती रही लेकिन कांवड़ विवाद और गहराता रहा.

कांवड़ यात्रा निरस्त होने से गुस्से में ग्रामीण

बरेली के बिथरी चैनपुर में आखिरी सोमवार से एक दिन पहले उपजे विवाद ने उग्र रूप ले लिया है जिसके बाद पुलिस ने दोनों समुदाय के 725 लोगों पर एफआईआर दर्ज की. वहीं कावड़ यात्रा की डीएम द्वारा इजाजत नहीं मिलने से नाराज ग्रामीण अब धर्म परिवर्तन की बात कह रहे हैं.



प्रसासन के आगे नहीं चली विधायक पप्पू भरतौल की

विधायक पप्पू भरतौल ने पिछले रविवार कांवड़ियों से खजुरिया गांव जाकर कहा था कि कांवड़ यात्रा मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरिया से होकर ही निकलेगी जिसके बाद उमरिया के ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया. हालात ज्यादा तनावपूर्ण होते देख डीएम ने कांवड़ यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी.

जिसके बाद कांवड़िये गांव में ही शिव मंदिर के बाहर धरने पर बैठ गए थे. एसडीएम सदर एमपी सिंह का कहना है कि गांव से धरना समाप्त हो गया है और अब कोई विवाद नहीं है. वही एसपी सिटी का कहना है कि दोनों समुदाय के लोग सड़क पर आ गए थे और हंगामा कर रहे थे जिस वजह से दोनों समुदाय के 725 लोगों पर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई है.



पूरे जिले में हुआ विवाद

कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं मिलने से हिन्दू संगठनों में भी जबरदस्त आक्रोश है. विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष पवन अरोड़ा अपने कार्यकर्ताओं के साथ खजुरिया गांव में धरने पर बैठ गए. पवन अरोड़ा का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से एक सहमति बनी कि केवल 5 लोग कांवड़ लेकर जायेगे. उन्होंने कहा कि आज़ाद देश मे हमें कावड़ भी नहीं ले जाने दी गई. उन्होंने कहा खासतौर पर हिन्दुओं को अपने ही देश मे इस तरह का अपमान सहना पड़ा है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं उमरिया गांव के लोगों का कहना है कि वो कांवड़ किसी भी कीमत पर निकलने नहीं देंगे. फिलहाल प्रशासन ने कांवड़ यात्रा की इजाजत न देकर आफत मोल ले ली है.