नई दिल्लीः चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अभी तक जहां राज्य में सवर्णों की नाराजगी दूर ही नहीं हुई थी कि अब संतों ने मोर्चा खोल दिया है. यहां नर्मदा मंत्रालय की मांग करने वाले दर्जा प्राप्त मंत्री कंप्यूटर बाबा ने इस्तीफा दे दिया है.

कंप्यूटर बाबा ने सीएम शिवराज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो सिर्फ घोषणाएं ही करते हैं, काम नहीं करते. पूरे प्रदेश में अवैध खनन हो रहा है. धिक्कार है कि वो नर्मदा किनारे पैदा हुये. जनता सरकार से नाराज हो चुकी है और अब बीजेपी सरकार से संतों का भी मोहभंग हो गया है.


राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त कंप्यूटर बाबा ने इस्तीफा देते वक्त मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वो सरकार को गौशाला और नर्मदा के काम नहीं करने दे रहे हैं.


कंप्यूटर बाबा ने आगे कहा कि मैंने गायों की दशा और नर्मदा में अवैध खनन पर चर्चा की लेकिन मुझे कुछ भी करने नहीं दिया. मुझे संतो के विचारों को सरकार के सामने लाने का मौका नहीं दिया गया लिहाजा मैं ऐसी सरकार का हिस्सा बने रहना नहीं चाहता. हमारे यहां एक व्यवस्था है जहां सारे संत मिलकर बैठते हैं और चीजों पर फैसला लेते हैं. उन्होंने ही मुझसे कहा कि मैं शिवराज सरकार में कुछ नहीं कर सकता और मुझे लगता है कि वो सही कहते हैं.

मुझे ऐसा लगता है कि शिवराज सिंह चौहान धर्म के बिलकुल विपरीत हैं और धर्म से जुड़ा कुछ काम करना ही नहीं चाहते हैं, इसलिए मैंने अपना इस्तीफा दे दिया. कंप्यूटर बाबा ने ये भी कहा कि प्रदेश में नर्मदा नदी की स्थिति अच्छी नहीं है और इसके लिए मैं एक मंत्रालय चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कंप्यूटर बाबा ने कहा, "मैं गौरक्षा, नर्मदा संरक्षण, मठ-मंदिरों के हितों में काम करना चाहता था, मगर ऐसा करने में असफल रहा। संत समाज का मुझ पर लगातार दबाव रहा, इसी चलते मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं." कंप्यूटर बाबा ने आगे कहा कि वह अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज रहे हैं.

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