बदायूं: कांग्रेस ने बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके सलीम इकबाल शेरवानी को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में जिन 11 उम्मीदवारों ने नाम की घोषणा की है वे सभी कांग्रेस के पुराने कारिंदे रहे हैं. शेरवानी भी गांधी परिवार के बेहद खास और पुराने साथी माने जाते हैं.


सलीम शेरवानी मूल रूप से इलाहाबाद के रहने वाले हैं और राजीव गांधी के दोस्त रहे हैं. 1985 में पहली बार वे बदायूं से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. लेकिन 1989 में जनता दल के शरद यादव को बदायूं से जीत हासिल हुई और 1991 में भाजपा के स्वामी चिन्म्यानंद बदायूं से सांसद बने.


साल 1996 में शेरवानी सपा के खेमे में शामिल हो गए और बदायूं से संसद पहुंचे. 1998, 1999 और 2004 में भी सलीम शेरवानी बदायूं से सांसद रहे. इसके बाद बदायूं में एंट्री हुई धर्मेंद्र यादव की. 2009 और 2014 में धर्मेंद्र यादव सपा के टिकट पर मैदान में उतरे और जीत हासिल की.


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2009 में एक बार फिर शेरवानी ने कांग्रेस का रुख किया हालांकि जीत हासिल नहीं हो सकी. 2014 में कांग्रेस का गठबंधन महान दल के साथ था जिसके कारण बदायूं सीट पर महान दल के उम्मीर ने चुनाव लड़ा था और सलीम शेरवानी को आंवला से चुनाव लड़ाया गया था.


अब 2019 के लिए कांग्रेस ने बदायूं सीट से एक बार फिर शेरवानी पर भरोसा जताया है. मुस्लिम वोटरों के बीच शेरवानी की अच्छी पैठ मानी जाती है. दूसरी ओर सपा ने एक बार फिर धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. साफ है कि इस बार बदायूं में इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाले हैं.


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