नई दिल्ली: यूपी में कांग्रेस आजम खान की गिरफ़्तारी चाहती है. पार्टी नेताओं और रामपुर के लोगों ने आज राज्यपाल राम नाईक से भेंट की. समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान को योगी सरकार भू-माफ़िया घोषित कर चुकी है. एक एक कर उन पर लगातार मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं. महीने भर में उनके ख़िलाफ़ 26 केस हो चुके हैं. सारे मामले जमीन पर अवैध क़ब्ज़े के हैं. आजम खान ने खुद को भू-माफ़िया घोषित किए जाने के ख़िलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है. उनका कहना है कि विधानसभा उप चुनाव के लिए उन्हें मुक़दमों में फंसाकर परेशान किया जा रहा है. उनके सांसद चुने जाने के बाद रामपुर की सीट ख़ाली हो गई है.


रामपुर के कांग्रेस नेता फैजल खान की अगुवाई में आज कई लोग लखनऊ पहुंचे और राजभवन जाकर गवर्नर राम नाईक से भेंट की. इन लोगों ने राज्यपाल से आज़म खान की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी की मांग की. जिन लोगों ने गवर्नर से मुलाक़ात की, उनमें रामपुर के कुछ किसान भी थे. इन किसानों का आरोप है कि इनकी ज़मीन पर आज़म खान ने ज़बरन क़ब्ज़ा कर लिया. बाद में इसी जमाव पर मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी बनी. ये बात उन दिनों की है जब यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी.


आजम खान तब राज्य के ताकतवर मंत्री हुआ करते थे. किसानों का आरोप है कि वक़्फ मंत्री होने के नाते आजम ने वक़्फ की जमीनों पर भी कब्जा कर लिया. इन किसानों ने राज्यपाल से कहा कि आजम खान से उनकी जान के खतरा है. इसीलिए उन्हें गिरफ़्तार कर जेल भेजा जाए. रामपुर के कांग्रेस नेताओं ने गवर्नर को दो पन्नों का मांग पत्र भी दिया. जिसे राम नाईक ने आगे की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया है. फैजल खान यूपी में कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे के उपाध्यक्ष हैं. आजम खान से उनका छत्तीस का रिश्ता रहा है. फैजल पिछले कई सालों से आजम के ख़िलाफ राजनैतिक लड़ाई लड़ते रहे हैं.


आजम खान खुद रामपुर से लोकसभा के सांसद हैं. उनकी पत्नी तंजीम फ़ातिमा समाजवादी पार्टी की राज्य सभा सांसद है. आजम के बेटे अब्दुल्ला स्वार टांडा से विधायक हैं. आजम खान पर लगे आरोपों की जांच के लिये अखिलेश यादव ने 21 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है. इसके अध्यक्ष अहमद हसन हैं, जो आजम के कट्टर विरोधी माने जाते हैं. कल ही इस जांच कमेटी ने रामपुर का दौरा किया था.


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