कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं प्रियंका गांधी, कहा- जनता की आवाज़ को दबा रही है सरकार
कांग्रेस आज अपना 135 वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ पार्टी आज देशभर में 'संविधान बचाओ मार्च' निकाल रही है.
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को पार्टी के 135वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं. इस अवसर पर उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाई. प्रियंका ने कांग्रेस नेताओं के बलिदान को याद करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं को पार्टी के महान नेताओं के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे संविधान पर हमला करने वालों का विरोध करेंगी.
इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया, "हम अंतिम पायदान पर खड़े इंसान की आवाज हैं. हम किसान, नौजवान, मजदूर, महिलाएं और हर मजलूम की आवाज हैं. प्रेम, भाईचारा, शांति, सत्य का अंदाज हैं. हम कांग्रेस हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर हम गर्व से अपनी पार्टी की अहिंसा और उदारता की विचारधारा के लिए पूर्ण समर्पण का संकल्प लेंगे."
बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
प्रियंका गांधी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि देशभर में एनआरसी की चर्चा फैलाने के बाद आज कहते हैं एनआरसी पर बात नहीं हुई.
प्रियंका गांधी ने कहा..... • अंग्रेजों ने जैसा दमन किया था, उन पतिस्थितियों में अपने अधिकारों के लिए कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गई. • आज देश की स्थिति संकट में है. बीते दिनों अराजकता फैली है. देश के संविधान को बर्बाद करने वाले कानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठ रही है लेकिन सरकार दमन और भय से आवाज़ों को बन्द करना चाहती है. • जब ऐसा दमन होता है तब कांग्रेस उठती है, क्योंकि हम उस विचारधारा से उभरे हैं जो अहिंसा और सत्य पर आधारित है. • आज देश में वही शक्तियां सरकार चला रही हैं, जिनसे हमारी ऐतिहासिक लड़ाई रही है. फूट की विचारधारा से हम लड़ाई लड़ रहे हैं. • जिन्होंने आज़ादी आंदोलन में कोई काम नहीं किया वो आज देशभक्त बने हुए हैं. • बिजनौर में 21 साल का लड़का दूध लेने जा रहा था, उसकी हत्या की गई. पुलिसवालों ने उसको धमकी दी कि मामला दर्ज किया तो केस दर्ज करेंगे, दफनाने के लियर गांव से 40 किलोमीटर दूर जगह दो गई. • जिसे मारा नहीं गया उसे जेल में डाल दिया गया. ये सब इसलिए क्योंकि आवाज़ उठाने की हिम्मत न कर सकें. • अगर हमने आवाज़ नहीं उठाई तो हम कायर कहलायेंगे. • जनता की आवाज़ को कायरता और हिंसा से दबाने की कोशिश की जा रही है. ये कायर की पहचान है. इस कायरता को पहचानने की ज़रूरत है. • देशभर में एनआरसी की चर्चा फैलाने के बाद आज कहते हैं एनआरसी पर बात नहीं हुई. • देश को झूठ नहीं सच चाहिए.
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