जयपुर: लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी पर पार्टी आलाकमान ने नाराजगी जताई है. पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बोलने वाले विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कांग्रेसजनों से अनावश्यक बयानबाजी से बचने को कहा है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रदेश प्रभारी पांडे ने एक बयान में राज्य के कांग्रेस जनों से अपील की ''वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी के लिए उत्पन्न हुई विषम परिस्थितियों के कारण लक्ष्य से भ्रमित नहीं होना चाहिए. हम सबके लिए पार्टी हित स्वहित से सर्वोपरि होना चाहिए.''


पांडे ने कहा पिछले दिनों कुछ ऐसे घटनाक्रम संज्ञान में आए हैं जिनसे पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है. पार्टी नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेसजनों का दायित्व है कि वे अनुशासित रहें. ऐसा कोई आचरण व वक्तव्य सार्वजनिक तौर पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त नहीं करें जिससे लगे कि कोई व्यक्ति निहित्त स्वार्थवश पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है या निजी एजेण्डे पर कार्य कर रहा है.


राज्य में सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई में खींचतान की खबरें मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा टोडाभीम ने मीडिया के सामने खुलकर कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेनी चाहिए. इसके साथ ही विधायक ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा था, ''सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. यह मेरी व्यक्तिगत राय है.''


उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को कम से कम जोधपुर सीट पर पार्टी की हार की जिम्मेदारी तो लेनी ही चाहिए क्योंकि वे वहां शानदार जीत का दावा कर रहे थे. इसके बाद से गहलोत व पायलट के समर्थन में खुलकर अलग-अलग बयान आ रहे हैं.


इस बीच पार्टी ने मामले में सख्ती दिखाते हुए विधायक मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में हार के बाद हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने के प्रदेश नेताओं के बयान से आलाकमान नाराज है. प्रदेश प्रभारी पांडे का बयान व विधायक मीणा को नोटिस दिया जाना इसी का एक संकेत है.


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