अमेठी: लोकसभा चुनाव में हार के बाद पहली बार अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान भावुक अंदाज में कहा कि अमेठी से उनका पारिवारिक रिश्ता है. वो और प्रियंका गांधी पहले की तरह ही अमेठी आते रहेंगे. राहुल ने कहा कि वो वायनाड से सांसद चुने गए हैं लेकिन अमेठी के लोगों के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे.


चुनाव नतीजों के डेढ़ महीने बाद अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने मीडिया से बात नहीं की. राहुल ने अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक एक घन्टे में खत्म कर दी जबकि बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता राहुल से मिलने पहुंचे थे. बैठक में प्रवेश ना मिलने से कुछ कार्यकर्ता नाराज भी हुए और मीडिया से कहा कि जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होती रही है और हार के बावजूद रवैया नहीं बदला है.



बैठक में हार की समीक्षा भी हुई. बैठक से निकले लोगों ने बताया कि राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को जनता से जुड़ने की नसीहत देते हुए कहा कि हार की जिम्मेदारी सबकी है. कार्यकर्ताओं के मुताबिक राहुल ने कहा कि हार की जिम्मेदारी मेरी भी है और कार्यकर्ताओं की भी. जनता से शिकायत नहीं है कमजोर संगठन के कारण चुनाव में हार मिली.



आपको बता दें कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश का हिस्सा है जिसकी प्रभारी कांग्रेस महासचिव और राहुल की बहन प्रियंका गांधी हैं. प्रियंका गांधी राहुल के साथ नहीं पहुंची थी. पिछले महीने प्रियंका और सोनिया गांधी ने रायबरेली पहुंच कर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया था.



राहुल गांधी की बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल से कहा कि बीजेपी सरकार ने चुनाव में पूरी मशीनरी झोंक दी. धनबल का बेहिसाब इस्तेमाल किया. कुछ ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात भी की. कुछ कार्यकर्ताओं ने राहुल से कांग्रेस अध्यक्ष पद नहीं छोड़ने का अनुरोध किया.


2004 से 2019 तक लगातार पंद्रह सालों तक संसद में अमेठी का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बार लगभग 55 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद राहुल बुधवार को पहली बार अमेठी आए थे. हालांकि उन्होंने जून के पहले हफ्ते में ही केरल के वायनाड का दौरा किया था जहां से इस बार वो सांसद चुने गए हैं. लोगों को इंतजार था कि राहुल अमेठी कब आएंगे? डेढ़ महीने बाद राहुल अमेठी पहुंचे तो लेकिन 'औपचारिकता' के अंदाज में!