मेरठ: राफेल डील को मोदी सरकार का भ्रष्टाचार बताने वाली कांग्रेस पार्टी ने बोफोर्स मामले में राजीव गांधी पर लगे आरोपों को राजनैतिक आरोप बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा है कि बोफोर्स मामले में कोर्ट ने भी माना कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. कारगिल यूद्ध में बोफोर्स तोप की गुणवत्ता को लेकर सैनिकों ने राजीव गांधी को याद करते हुए उनकी जय-जयकार की थी. कांग्रेस पार्टी देश भर में प्रेसवार्ताएं कर राफेल डील के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पोलखोल अभियान चला रही है. शकील अहमद आज इसी अभियान के तहत मेरठ पहुंचे थे.

बोफोर्स मामले से बाइज्जत बरी हुए राजीव गांधी

मेऱठ के चैम्बर ऑफ कामर्स में बोफोर्स घोटाले से जुड़े एक सवाल के जबाब में शकील अहमद ने कहा कि बोफोर्स घोटाला नही था, यह कोर्ट में भी साबित हो चुका है और राजीव गांधी के पक्ष में अदालत ने उनकी मृत्योपरांत फैसला भी सुनाया है. बीजेपी और दूसरी पार्टियों ने राजीव गांधी के ऊपर राजनैतिक आरोप लगाये थे जो सिरे से बेबुनियाद थे. कारगिल के युद्ध के दौरान हमारी सेना के जवानों ने बोफोर्स तोपों से दुश्मन को जबाब दिया औऱ राजीव गांधी अमर रहें के नारे भी लगाये थे. केन्द्र सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शकील अहमद ने कहा कि देश की सुरक्षा में भ्रष्टाचार देशद्रोह के बराबर है.



राफेल डील में जहाज घट गये, बजट तीन गुना बढ़ गया

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने राफेल डील पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2013 तक लड़ाकू जहाज की खरीद के लिए 526 करोड़ रूपये में 126 जहाजों की डील की बातचीत की थी. मगर सौदा फायदे का नही होने के कारण बिड नहीं की. मोदी सरकार ने लड़ाकू जहाजों की संख्या घटाकर 36 कर दी और सौदे का बजट बढ़ाकर तीन गुना 1670 करोड़ रूपये कर दिया और देश की सुरक्षा के लिए जरूरत बताकर डील कर ली. अप्रैल 2015 में हुई इस डील की जानकारी न तो सुरक्षा से जुड़ी कमेटी को थी और न ही देश के रक्षामंत्री को. मोदीजी ने खुद ही फैसला लिया और फ्रांस जाकर डील फाइनल की. यह देश की सुरक्षा से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार का मुद्दा है.

रिलायंस ने भेजा है नोटिस, अदालत जायेंगे

शकील अहमद ने कहा कि रिलायंस से उन्हें बाकी नेताओं की तरह नोटिस मिला है. कोर्ट के दरवाजे खुले है, हम कोर्ट जायेंगे. रिलायंस की प्रेस रिलीज में खुद स्वीकार किया गया है कि उन्हें 30 हजार करोड़ रूपये का आफसेट कांट्रेक्ट और एक लाख करोड़ रूपये का लाइफ साइकल कांट्रेक्ट मिला है. जबकि यही जिम्मा पहले सरकार के पीएसयू को मिलता था.



राफेल डील से देश को नहीं मिलेगा तकनीक का लाभ

कांग्रेस सरकार ने जब राफेल डील की बातचीत की थी तो उसमें ट्रांसफर ऑफ टैक्नोलॉजी एविएशन और डिफेंस को देखने वाली सरकार की 55 साल पुरानी पीएसयू इंडियन एअरीनॉटिकल के हाथ थी. 18 जहाजों को तैयारी के साथ भारत लाना था और बाकी 108 जहाज भारत में ही विदेशी तकनीक का इस्तेमाल करके बनाये जाने थे. इससे हमारे देश को तकनीक का लाभ होना तय था. लेकिन कीमत ज्यादा होने के कारण देश का नुकसान था और कांग्रेस सरकार ने डील टाल दी.

नक्सल के नाम पर भ्रम फैला रहा है केन्द्र

भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तारियों को लेकर शकील अहमद से पूछे गये सवाल पर उन्होने कहा कि नक्सलियों के नाम पर केन्द्र सरकार भ्रम फैलाने का काम कर रही है. भीमा कोरेगांव में दलित समाज पर अत्याचार हुआ और उनकी पैरवी करने वाले उनके वकीलों को सरकार गिरफ्तार कर रही है. सरकार ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश से जुड़े लिखित या जुबानी सबूत न तो कोर्ट में रखे है और न सार्वजनिक किये है. अंत में प्रेसवार्ता पर अपना ऐजेन्डा साफ करते हुए शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस के पास जो प्रधानमंत्री के लिए चेहरा है वह खुद ही सामने आयेगा, जब चुनाव के नतीजों के बाद एक चेहरा डूब जायेगा.