भोपालः मध्यप्रदेश विधान सभा में कांग्रेस के विधायक हिना कावरे को सदन का उपाध्यक्ष बनाया गया है. भारी शोर-शराबे के बीच उन्हें उपाध्यक्ष पद के लिए चुन लिया गया. इस पद के लिए बीजेपी ने जगदीश देवड़ा को मैदान में उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गए. परंपरा के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष की ओर से और उपाध्यक्ष विपक्ष के तरफ का होता है. हालांकि स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को खड़ा कर इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की थी. जिसके बाद कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद के लिए हिना कावरे को अपना उम्मीदवार बनाया.
आज विधान सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कांग्रेस के विधायक और उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार हिना कावरे का विरोध करने लगे. बीजेपी सदन के अंदर उपाध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव के विरोध में जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंचकर हंगामा करने लगे. विधायकों ने स्पीकर पर पक्षपात के आरोप भी लगाए.
स्पीकर की भूमिका पर उठे सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि पहले दिन से ही सरकार विपक्ष को नजरअंदाज कर रही है. शिवराज ने अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहले ही दिन से अध्यक्ष ने अपनी निष्पक्षता खो दी है.
विपक्ष के हंगामे के बीच अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन जब सदस्य नहीं मानें तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी. इस दौरान कई दोनों पक्षों के बीच तेज नोंक-झोंक भी देखने को मिली.
क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं जबकि बीएसपी के 2, एसपी के 1 और निर्दलीय 4 विधायक हैं वहीं बीजेपी के पास 109 विधायक हैं. एसपी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है.
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