भोपालः एनपी प्रजापति को मध्य प्रदेश विधानसभा का नया स्पीकर चुना गया है. कांग्रेस की ओर से विधायक और मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने अध्यक्ष पद के लिए एन.पी प्रजापति के नाम का प्रस्ताव दिया जिसका आरिफ अकील, विक्रम सिंह 'नाती राजा' सहित अन्य विधायकों ने समर्थन किया. बीजेपी के वाकआउट के बाद ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित हुआ. इस पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विजय शाह को अपनी तरफ से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनका नाम  प्रस्तावित नहीं हुआ.


बीजेपी की ओर से नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार विजय शाह का प्रस्ताव न लिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही फिर हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही को फिर से 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.


अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपनाए गए नियमों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार के इस कदम से लोकतंत्र की हत्या हुई. शिवराज ने कहा, ''कार्यसूची में होने के बाद भी विजय शाह के नाम को प्रस्तावित नहीं करने दिया गया. यह घोर अलोकतांत्रिक है. मध्यप्रदेश विधानसभा के लिहाज से काला दिन है. मतदान हो जाता तो उनकी कलई खुल जाती. हमारा कर्तव्य है कि ऐसे फैसलों का विरोध करेंगे.''


शिवराज ने कहा कि हमने फैसला किया है कि विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे. वहां जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे. राज्य विधानसभा के 230 सदस्यों में 114 कांग्रेस और 109 भाजपा के हैं. वहीं कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो, समाजवादी पार्टी (एसपी) के एक और चार निर्दलीय का समर्थन हासिल है.


अध्यक्ष को लेकर बीजेपी के कई विधायकों ने गुप्त मतदान की मांग की है. वहीं, कांग्रेस की ओर से ससंदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए खुले मतदान का समर्थन किया.


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