भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शुक्रवार को देवास की पांचो विधानसभा के कांग्रेस पदाधिकारियो की बैठक लेने पहुंचे. बैठक में उनके सामने हंगामा हो गया. कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की. इससे वहां अव्यवस्था फैल गई. हंगामा कांग्रेस के दो नेताओं के गुटो के बीच नामजद नारेबाजी को लेकर हुई थी.


मामले को शांत करने के लिए शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी को हाथ जोड़कर कार्यकर्ताओं से अपील करनी पड़ी. प्रभारी के सामने शक्ति पदर्शन कर रहे लोगों को बैठक में नसीहत दी गई कि टिकट तो आपके काम से ही मिलेगा, शक्ति प्रदर्शन से नहीं.


प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि  हमारी पार्टी में जयचंदों की कमी नहीं है. ऐसे लोग अवसरवादी होते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मंच पर साथ बैठकर फोटो खिंचाकर सोशल मीडिया पर डालेंगे और जनता को दिखाएंगे. ऐसे लोग भाजपा के रहते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं.


बैठक में कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने दिग्विजय सिंह की तरह मौजूद लोगों को पार्टी के लिए काम करने की कसमें खिलाई. उन्होंने कार्यकर्ताओं से दोनों हाथ ऊपर उठाकर इष्टदेव की कसमें खिलाई


इसके पहले विदिशा में भी मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बावरिया के सामने बवाल हुआ था. विदिशा में बवाल होने पर बावरिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आरएसएस से अनुशासन सीखने की सलाह दी थी.


इसके पहले भी हुई है पार्टी में सिर फुटव्वल
मध्य प्रदेश के रीवा में 30 जुलाई को राज्य के प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ हुई बदसलूकी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के तमाम नेताओं को दिल्ली तलब किया था. जिसके बाद राज्य के नेतृत्व में चल रहे सिर फुटौव्वल पर चर्चा हुई थी. मीटिंग के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ एक गाड़ी में निकले थे और दिग्विजय सिंह अलग गाड़ी में निकले थे. लेकिन इन नेताओं में से किसी ने भी मीडिया से बात नहीं की.


बावरिया ने BJP को ठहराया जिम्मेदार
राज्य के प्रभारी दीपक बावरिया ने इस दौरान अपने साथ हुई बदसलूकी पर बयान देते हुए कहा था कि बड़ी तादाद में कार्यकर्ता आ गए थे. बावरिया ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया था और कहा था कि जिन लोगों ने बदसलूकी की है वो बीजेपी की तरफ से प्लांट किए गए थे. उन्होंने ये भी कहा था कि बीजेपी जनता को संदेश देना चाहती है कि कांग्रेस बंटी हुई है, जबकि शिवराज खुद अकेले हैं.