नई दिल्ली: कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता शकील अहमद को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. कांग्रेस पार्टी ने शकील अहमद को ये सजा मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से सुनाई है. पार्टी ने शकील अहमद के खिलाफ ऐसे वक्त में कार्रवाई की जब अगले ही दिन यानि 6 मई को मधुबनी में पांचवें चरण में पोलिंग होनी है.
दरअसल, बिहार की मधुबनी की सीट महागठबंधन के सहयोगी वीआईपी के खाते में चली गई है. इसलिए शकील अहमद को पार्टी का टिकट नहीं मिला, लेकिन शकील अहमद ने पार्टी के फैसले के विरुद्ध निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया.
आपको बता दें कि बिहार में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, हम, वीआईपी, सीपीआई (एमएल) और वीआईपी के बीच महागठबंधन बना. जिसके तहत आरजेडी की झोली में 19 सीटें गईं. कांग्रेस के पास 9 सीटें आईं. आरएलएसपी को 5 सीटें दी गईं. हम के हिस्से में 3 सीटें गई, वीआईपी को 3 सीटें मिली, जबकि सीपीआई (एमएल) को एक सीट दी गई.
बिहार में पांचवें चरण में सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर सीटों पर कल वोट डाले जाएंगे.
मधुबनी की लड़ाई
मधुबनी सीट बीजेपी की परंपरागत सीट रही है. बीजेपी के सीनियर नेता हुकुमदेव नारायण यादव यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं, लेकिन इस बार वो चुनावी मैदान में नहीं हैं. बीजेपी ने उनके बेटे अशोक कुमार यादव को मैदान में उतारा है. वीआईपी की तरफ रामचंद्र पूर्वे मैदान में हैं.
मधुबनी सीट का गणित
मधुबनी सीट पर यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या काफी अधिक मानी जाती है.
कौन हैं शकील अहमद
शकील अहमद बिहार के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं. कांग्रेस पार्टी में उनकी गिनती एक सीनियर नेता के तौर पर की जाती है, वो पार्टी के महासचिव पद पर रहे हैं. इसके साथ ही मनमोहन सरकार में वो केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे हैं. वो मधुबनी लोकसभा सीट से दो बार सांसद भी रहे हैं. उन्होंने 1998 और 2004 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.
2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
मधुबनी लोकसभा सीट बिहार के मिथिलांचल रीजन में आती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के हुकुमदेव नारायण यादव ने 3 लाख 58 हजार 40 वोट हासिल किये थे और 20 हजार 535 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल के अब्दुल बारी सिद्दिकी रहे थे जिन्होंने 3 लाख 37 हजार 505 वोट हासिल किये थे. जनता दल (यूनाइटेड) के गुलाम गौस 56 हजार 392 वोट पाकर तीसरे तो शिवसेना की कुमारी रीता 30 हजार 942 वोट पाकर चौथें स्थान पर रही थीं.
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