लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह ने आज एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल के निष्कासन को वापस लेने के फैसले को सही बताया और कहा कि पार्टी एवं परिवार को तोड़ने की साजिश ‘‘नाकाम’’ हो गई.
एसपी को तोड़ने की साजिश नाकाम
अमर सिंह ने कहा, ‘‘मुलायम सिंह जी ने सही काम किया. उन्होंने अपने फैसले से संदेश दिया कि जब तक वह जिंदा हैं, समाजवादी पार्टी या उनके परिवार को टूटने नहीं देंगे. जो लोग पार्टी और परिवार को तोड़ना चाहते थे उनकी साजिश नाकाम हो गई.’’ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्टी को तोड़ना नहीं चाहते.
मुख्यमंत्री अखिलेश और एसपी महासचिव रामगोपाल को बधाई देते हुए अमर सिंह ने कहा, ‘‘जिन्हें यह गलतफहमी है कि मैं पार्टी को तोड़ने का प्रयास करूंगा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं यहां पार्टी तोड़ने के लिए नहीं हूं बल्कि मैं इसे एकजुट रखना चाहता हूं.’’
एसपी को एकजुट रखने के लिए बलिदान देने को तैयार
अमर सिंह ने कहा, ‘‘अगर कोई अब भी मेरी वजह से दुखी है तो मैं कहना चाहता हूं कि मैं एसपी परिवार और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए अपना बलिदान देने को तैयार हूं.’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमें सांप्रदायिक ताकतों से लड़ना है और सुनिश्चित करना है कि धर्मनिरपेक्ष मोर्चा आगामी चुनावों में जीते.’’
इससे पहले सिंह ने कहा था, ‘‘पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी . मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह एसपी के अध्यक्ष हैं, साथ ही अखिलेश के पिता भी हैं.’’
SP को बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई
उधर, एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कल कहा था कि उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की है. पार्टी को कड़े प्रयासों के जरिए खड़ा किया गया है.
मुलायम सिंह ने कहा था, ‘‘हमें पार्टी बचानी है. पार्टी पहले है. इसलिए हम अखिलेश और रामगोपाल दोनों को निकाल रहे हैं.’’
उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि रामगोपाल ने महासचिव के रूप में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुलाने का फैसला किया और अखिलेश ने बैठक का समर्थन किया था.