बांदा: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में तोड़फोड़ की या नहीं? ये सवाल लखनऊ के सियासी गलियारों में खूब छाया हुआ है. इस घमासान में अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) भी कूद पड़ी है.

विहिप का कहना है कि दीवारों के पीछे अवैध तरीके से कमाया गया धन छिपाया गया था. शुक्रवार को बांदा पहुंचे कानपुर प्रांत के गोरक्षा प्रमुख प्रभाकर सिंह चंदेल ने कहा, "अखिलेश यादव के जिस सरकारी बंगले की दीवारें और सीलिंग तोड़ी गई हैं, दरअसल उसके पीछे अवैध तरीके से कमाया गया धन छिपाया गया था."

राज्य सरकार के आदेश पर राज्य संपति विभाग हालांकि उस बंगले की जांच शुरू कर दी है, मगर आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है. बीजेपी नेताओं के अलावा विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) भी इस विवाद में कूद पड़ी है.

शिवपाल यादव से मिले ओम प्रकाश राजभर, कहा- 2024 तक बीजेपी के साथ ही रहूंगा


चंदेल ने कहा, "पिछली सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो लूट-खसोट मचाई थी, उससे जमा अवैध धन बंगले की इन्हीं दीवारों के पीछे छिपाया गया था. दीवारों में रुपयों के बंडल, सोने की सिल्लियां और भारी मात्रा में हीरे-जवाहरात छिपाए गए थे. इतना ही नहीं, नलों की गायब टोटियां भी सोने की थीं, जिन्हें बाद में ले जाया गया है."

चंदेल ने बंगले में तोड़फोड़ की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करते हुए कहा, "दीवारें तोड़कर धन कहां ले जाया गया, इसकी जांच होनी चाहिए. इसके पहले भी आयकर विभाग ऐसी ही जगहों से अवैध संपति बरामद चुका है."

गुरुवार को भी चंदेल सोशल मीडिया में अधिकृत पोस्ट डालकर पूर्व मुख्यमंत्री पर यही आरोप लगा चुके हैं.