पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज तीसरे दिन भी 8 जिलों के 16 क्वॉरन्टीन सेंटरों का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए निरीक्षण किया. प्रवासियों ने अपनी आपबीती सुनाई तो नीतीश बिफर पड़े. कैमरे के सामने तो उन्होंने ज़्यादा कुछ नहीं कहा लेकिन वो कंपनियों द्वारा मज़दूरों के साथ किए गए सौतेले व्यवहार से काफी निराश दिखे. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के बाहर की निजी कंपनियों ने अपने यहां कार्य करने वाले बिहार के प्रवासी श्रमिकों ख्याल नहीं रखा जबकि यह उनका दायित्व था.
नीतीश ने कहा, " लोगों को बाहर काफी कष्ट हुआ है. हमारी इच्छा है कि सभी को यहीं रोजगार मिले, किसी को अकारण बाहर नहीं जाना पड़े. हम सबके रोजगार की यहीं व्यवस्था करेंगे. इससे बिहार का और विकास होगा. सभी लोग बिहार के विकास में भागीदार बनें.''
मुख्यमंत्री इससे पहले बीस जिलों में बात कर चुके थे आज आखिरी 8 जिलों के 16 क्वॉरन्टीन सेंटरों का जायज़ा लिया. सीएम नीतीश में रह रहे प्रवासियों से रूबरू हुये, वहां दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली और पूरे क्वॉरन्टीन सेंटर का मुआयना किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कपड़ा, जूता, बैग, फर्नीचर, साईकिल आदि से जुड़े उद्योगों की असीम संभावनायें हैं. हम उपभोक्ता राज्य हैं. हमारे पास बहुत बड़ा बाजार है. बाजार की जरूरतों के अनुरूप उद्योग लगाने के लिये लोगों को प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि बिहार के व्यवसायी वर्ग को भी इस पर विचार करना चाहिये.नये उद्योग लगायें, सरकार हर संभव मदद को तैयार है. उन्होंने कहा कि उद्योग लगने से बाजार का और विकास होगा एवं लोगों की आय बढे़गी.
भागलपुर एवं मुंगेर में कपड़ा उद्योग खासकर सिल्क उद्योग की अपार संभावनायें हैं. भागलपुर का सिल्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है. पहले यहां से सिल्क का निर्यात किया जाता था. भागलपुर के इस उद्योग की क्षमता की पहचान कर आगे की कार्रवाई करें.
मुख्यमंत्री ने मजदूरों से कहा कि बिहार में बहुत काम है, यहीं रहिये और काम कीजिये. सभी को उनके स्किल के अनुरूप काम मिलेगा. बिहार में कोई भूख से नहीं मरता. सीएम ने निर्देश दिया कि क्वॉरन्टीन सेंटरों पर आवासित सभी प्रवासियों का पूर्ण सर्वे करायें. कौन कहां से आया है? क्या रोजगार करता था? उनको यहां कैसे रोजगार उपलब्ध कराया जाय ताकि उन्हें बाहर नहीं जाना पड़े.
मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपलोगों के हित में क्वॉरन्टीन सेंटरों का इंतजाम किया गया है. 14 दिन क्वॉरन्टीन रहिये, यह आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिये आवश्यक है. वहीं सेंटरों रह रहे प्रवासियों ने व्यवस्थाओं को सराहा. सभी ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है और वे लोग अब बिहार में ही रह कर काम करना चाहते हैं.जमुई के क्वॉरन्टीन सेंटर में आवासित प्रवासी श्रमिक ने कहा कि बिहार आकर सारा दर्द भूल गया.
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