लखनऊ: कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के कारागारों में बंद करीब 11 हजार बंदियों को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर तत्काल रिहा किया जाएगा. इसमें 8 हजार 500 विचाराधीन और 2 हजार 500 सिद्धदोष बंदी शामिल हैं.
कोरोना नियंत्रण की दिशा में यह अहम फैसला लेने के साथ ही मुख्यमंत्री ने शनिवार को संजय गांधी पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में बने 210 बेड वाले राजधानी कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने आईसीयू और आइसोलेशन और क्वारंटाइन वार्ड भी देखा.
सीएम ने कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल में बनाई गई तीन चरण में स्क्रीनिंग की सुविधा के बारे में जानकारी ली. इससे बाद उन्होंने महानगर स्थित कल्याण मंडप में बनाए गए कम्युनिटी किचन का भी निरीक्षण किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से सभी से अपील की है कि लोग अपने घरों में रहें, जिससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि सभी लोग लॉकडाउन का पालन करें. शुक्रवार को जहां 12 राज्यों में नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे, वहीं शनिवार को मुख्यमंत्री ने हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, लद्दाख के साथ दक्षिण में केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ के साथ पूर्वोतर के राज्यों में भी नोडल अधिकारी तैनात किए हैं.
जो लोग दूसरे राज्यों में हैं, वहां कारोबार और नौकरी कर रहे हैं, वे नोडल अधिकारियों से संपर्क कर हर तरह की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन देशों ने लापरवाही बरती है, वहां की स्थिति बहुत ही नाजुक है. इसलिए सभी से मेरी अपील है कि जो जहां हैं, वहीं रहें. उन्हें उनके घर तक हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी. इसके लिए मैं और मेरी टीम 24 घंटे कार्य कर रही है.
उधर, लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर समस्त प्रदेशों में राज्य विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव गृह/कारागार व महानिदेशक कारागार की एक कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी द्वारा विचार विमर्श के बाद राज्य में बंदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला किया गया है.
8,833 प्राविजन स्टोर के माध्यम से 16,905 लोगों की मदद से होम डिलीवरी
अवनीश अवस्थी ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए पूरे प्रदेश में डोर टू डोर राशन, दूध और सब्जी का वितरण किया जा रहा है. डोर स्टेप डिलीवरी के लिए किराना की दुकानों की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 8,833 प्राविजन स्टोर के माध्म से 16,905 लोगों द्वारा आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है.
इसके साथ ही प्रदेश में 15 लाख 89 हजार लीटर दूध का उत्पादन हुआ और 8552 गाड़ियों के माध्यम से 10 लाख 44 हजार लीटर दूध का वितरण किया गया है. दूध वितरण की व्यवस्था मजबूत हुई है. सरकारी डेयरी से दूध वितरण किया जा रहा है.
527 कम्युनिटी किचन शुरू, 1 लाख 37 हजार फूड पैकेट वितरित
लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए 527 कम्युनिटी किचन प्रदेश में चालू किए गए हैं. 1 लाख 37 हजार फूड पैकेट तैयार कर वितरित किया गया है. धार्मिक और सामाजिक संगठन भी इससे जुड़ रहे हैं. पुलिस के माध्यम से फूड पैकेट मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वाराणसी में मुसहर परिवार के घर जाकर राशन मुहैया करवाया गया है. गांव-गांव राशन वितरित किया जा रहा है.
58,752 प्रधानों और 11,631 पार्षदों से संपर्क
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि प्रदेश में 1 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड होल्डरों को खाद्य एवं रसद विभाग ने राशन का वितरण किया है. इसमें 70 लाख से ज्यादा निशुल्क श्रेणी के लाभार्थी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों से संपर्क किया जा रहा है.
इसके जरिए 58,752 प्रधानों से फोन पर बात की गई है. इस दौरान 11,912 समस्याओं का समाधान भी किया गया. लॉकडाउन के दौरान 4,642 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसमें 14,115 लोग शामिल हैं. 15 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इस दौरान 4.66 लाख वाहनों की चेकिंग की गई है.
अब तक 55 मरीज, 14 ठीक हुए, 41 की स्थिति सामान्य
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से 13 जिले प्रभावित हैं. 55 मरीजों में से 14 मरीज ऐसे हैं, जो पूरी तरह स्वस्थ्य हो गए और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. 41 मरीज अभी भी भर्ती हैं, इनका इलाज हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसमें से किसी भी मरीज की स्थिति गंभीर नहीं है, सबके सब स्टेबल हैं.
15,000 आइसोलेशन बेड की क्षमता
अमित मोहन ने बताया कि प्रदेश के 8 प्रयोगशालाओं में लगातार परीक्षण हो रहा है. तीन प्रयोगशालाएं लखनऊ में हैं. अब तक कुल 2196 सैंपल लिए गए हैं. 5,000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड तैयार हो चुके हैं. इसे बढ़ाकर 15,000 बेड तक ले जाने की क्षमता है.
प्राइवेट अस्पतालों ने भी आफर किया है कि जरूरत पड़ने पर वे अपने अस्पतालों को कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर देंगे. उन्होंने कहा कि कोरंटाइन के लिए 6000 का बेड का इंतजाम किया जा चुका है.
विदेश से आए 60 हजार लोगों की निगरानी
अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि किसी को अगर कोई समस्या या लक्षण महसूस हो, तो वह तत्काल सीएम हेल्पलाइन 1076 पर फोन कर सलाह ले सकता है. स्वास्थ्य विभाग की हेल्प लाइन पर भी सलाह और चिकित्सा सुविधा हासिल की जा सकती है.
उन्होंने बताया कि इलाज के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है. जनपदों में सीएचसी को खाली करवाया कर कोविड अस्पताल बना दिया गया है. इन स्थानों पर स्टाफ के लिए निरंतर ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले करीब 60,000 लोगों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी कर रहा है.
ये भी पढ़ें-
बुलंद भारत की बदनसीब तस्वीर: घरों में 'रामायण' और सड़कों पर भूख से 'महाभारत'