राजस्थान: कोरोना वायरस का रणथंभौर टाइगर पार्क पर दिख रहा असर, सैलानियों ने कैंसिल की बुकिंग
चीन में फैले खतरनाक कोरोना वायरस का असर राजस्थान के टूरिज्म पर भी पड़ने लगा है. प्रदेश के रणथंभौर टाइगर पार्क में सैलानियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल करवा दी है. साथ ही रिफंड की भी मांग की है.
जयपुर: दुनिया भर के वन्य जीव प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र राजस्थान के रणथंभौर टाइगर पार्क पर भी कोरोना वायरस का असर दिखाई देने लगा है. इस समय राजस्थान समेत इस टाइगर पार्क में भी पर्यटक सीजन चल रहा है लेकिन चीन से उपजे इस वायरस ने टाइगर पार्क से सैलानियों को दूर कर दिया है. चीन समेत ज्यादातर देशों के पर्यटकों ने अपनी पहले से की गई होटल और टाइगर पार्क सफारी की बुकिंग को कैंसिल करवाते हुए रिफंड की मांग भी कर दी है. पैसा वापसी की इस मांग से वन विभाग भी परेशान है क्योंकि अगर छह महीने पहले तक बुकिंग कैंसिल की जाती है तो ही पैसा वापसी का प्रावधान है. अब ऐन मौके पर पैसा वापस करना वन विभाग के नियम में नहीं आता है.
रणथंभौर वन क्षेत्र के एसीएफ सुमित बंसल ने बताया, "जिन सैलानियों ने पैसा वापस मांगा है, उसे लेकर नियमों के अनुसार उच्च अधिकारियों से बातचीत कर फैसला किया जाएगा." वन विभाग के मुताबिक इस बार चीन के करीब सौ पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल करने की सूचना दी है. अगर पिछले साल से तुलना की जाए तो साल 2019 में करीब दस हजार पर्यटकों ने टाइगर पार्क का भ्रमण किया था. ये आंकड़ा सिर्फ फरवरी महीने का है. इस साल अब तक सिर्फ चार हजार सैलानी ही टाइगर पार्क देखने पहुंचे हैं.
वन विभाग की मानें तो विदेशी सैलानियों की संख्या में इस बार बीस प्रतिशत की कमी आई है. कोरोना वायरस का असर इतना अधिक है कि इस समय जब पीक सीजन के कारण टाइगर पार्क के नजदीक के सभी होटल पूरे बुक रहते हैं लेकिन इस समय ज्यादातर होटलों में कमरे खाली हैं. पर्यटन कारोबार ही इस इलाके की अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी है लेकिन इस बार का सीजन इलाके के होटल कारोबारी, पार्क सफारी के वाहन मालिकों और छोटे दुकानदारों के लिए कोरोना वायरस की वजह से ठंडा चल रहा है.
इस बीच चीन से आने वाले पार्सल और डाक को लेकर भी पोस्टल विभाग सतर्कता बरतने लगा है. राजस्थान के जयपुर, कोटा, जोधपुर और उदयपुर समेत कई शहरों में प्रतिदिन सैंकड़ों पार्सल और डाक चीन से आ रहे हैं. अब डाक विभाग ने हर जिले में चीन से आ रहे इन पार्सल और डाक की अलग से छटनी भी करवा रहा है. हालांकि चिकित्सक मानते हैं कि इस तरह के पार्सल या डाक को छूने से संक्रमण नहीं होता लेकिन डाक विभाग सतर्कता संबंधी आदेश जारी कर रहा है. चीन से आने वाले पार्सल में कपड़े, इलेक्ट्रोनिक आइटम और मोबाइल समेत मोबाइल एसेसरीज शामिल रहते हैं.
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