पटना: देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. बिहार में भी ये आंकड़ा अबतक 539 तक पहुंच चुका है.ऐसे में कोरोना संकट के बीच राज्य के अलग अलग जिलों से डॉक्टर के ड्यूटी से नदारद होने की भी ख़बरें आ रही हैं. बिहार सरकार ने 362 ऐसे डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो बिना किसी पूर्व सूचना के अपनी ड्यूटी से ग़ायब हैं. उनसे इस वैश्विक महामारी के समय अपनी अनुपस्थिति की कारण बताने को कहा गया है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से किए गए औचक निरीक्षण में कुल 362 सरकारी डॉक्टर ड्यूटी से गायब पाए गए.इन सभी मेडिकल ऑफ़िसर्स को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शो कॉज नोटिस जारी किया गया है.
औचक निरीक्षण में ग़ायब मिले डॉक्टर
दरअसल स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की गई जांच में 31 मार्च से 12 अप्रैल के बीच कुल 37 जिलों के 362 चिकित्सा पदाधिकारी अपनी ड्यूटी से गायब पाए गए. महामारी को लेकर बिहार सरकार सख़्त है लिहाज़ा इन सभी पर कार्रवाई करने के पहले विभाग ने शो कॉज को जारी करते हुए जवाब मांगा है.
सभी डॉक्टर-नर्स की छुट्टियां 31 मई तक कैन्सल
बिहार सरकार ने कोरोना संकट की महामारी को देखते हुए राज्य के सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां 31 मई तक कैंसल कर दी हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पहले 30 अप्रैल तक छुट्टियां कैंसल की थीं हालाँकि लॉकडाउन बढ़ा और लगातार बढ़ रहे मामले को देखते हुए अब सरकार ने एक महीने के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि मातृत्व अवकाश( maternity leave)को इसमें शामिल नहीं किया गया है.स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सभी जिलों के सिविल सर्जन, अधीक्षक और उपाधीक्षक को निर्देश जारी किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक 13 मार्च और 5 अप्रैल को कोरोना वायरस को रोकने के लिए और निरोधात्मक उपाए को देखते हुए सभी मेडिकल अफसर, डॉक्टर्स की छुट्टियां रद्द की गई थीं. इसके साथ ही सरकार ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों, संविदा नियोजित कर्मियों की भी छुट्टी कैंसल कर दी थी.
EXCLUSIVE: प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश सरकार को घेरा, इस सवाल पर हुए नाराज
मध्य प्रदेश: सास-ससुर ने करवाई विधवा बहू की शादी, बेटी की तरह घर से किया विदा