प्रयागराज : मुस्लिम महिलाओं के हटने के बाद पार्क पर प्रशासन का कब्ज़ा, पूरे इलाके को किया जा रहा है सैनेटाइज़
प्रयागराज में लॉकडाउन तोड़ने पर दो दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सौ से ज्यादा वाहनों का चालान किया गया है, लेकिन सड़कों पर वह असर नजर नहीं आ रहा है जो होना चाहिए था. हालांकि लॉकडाउन तोड़ने वाले लोग गिनती के हैं.
प्रयागराज: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में संगम नगरी प्रयागराज में पिछले बहत्तर दिनों से चल रहे धरने के ख़त्म होने के बाद प्रशासन ने आज उस मंसूर पार्क को अपने कब्ज़े में ले लिया है, जहां यह धरना चल रहा था. प्रशासन ने यहां लगे आंदोलनकारियों के टेंट को उखाड़ दिया है. बुलडोज़र के सहारे यहां बनाए गए प्लेटफार्म को तोड़ दिया है. बांस -बल्लियों व कुर्सियों को जब्त कर लिया है और साथ ही बैनर व होर्डिंग्स को फाड़कर उन्हें जला दिया है.
पार्क को कब्ज़े में लेने के बाद वहां पहले अतिक्रमण हटाया गया और उसके बाद पार्क व आस पास के पूरे इलाके को सेनेटाइज़ किया गया. सरकारी अमले की यह कार्रवाई कई घंटे तक चली. इस दौरान यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे. पुलिस और पीएसी के सैकड़ों जवानों ने पूरे इलाके को अपने कब्ज़े में ले रखा था.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में संगम नगरी प्रयागराज की मुस्लिम महिलाएं बारह जनवरी से शहर के रोशन बाग़ इलाके के मंसूर पार्क में धरने पर बैठी हुई थीं. प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद महिलाएं धरने से हटने को तैयार नहीं थीं. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनज़र सोमवार की शाम को बहत्तरवें दिन महिलाओं ने अपने आंदोलन को स्थगित करने का एलान किया था.
महिलाओं ने अपनी कुर्सियां वहीं छोड़ दी थीं और उन पर अपने दुपट्टे बांध दिए थे. धरना ख़त्म होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली थी, क्योंकि काफी भीड़ होने की वजह से वहां संक्रमण का खतरा था. प्रशासन की कार्रवाई के दौरान इलाके में पूरी तरह शांति रहीं और किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ.
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