पटना: कोरोना वायरस के खौफ के बावजूद पालयन की तस्वीरें नजर आईं. 90 फीसदी लोग अपने घर पहुंच गए और जो नहीं पहुंचे उन्हें आपदा केंद्र पर रखा गया. वहीं कई ऐसे भारतीय भी हैं जो विदेश में फंसे हुए हैं. इनमें से कुछ काम के सिलसिले में गए थे तो कुछ पढ़ने या ट्रेनिंग करने के लिए गए थे. ऐसे हालातों में उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गईं हैं. ऐसे छात्रों ने मदद के लिए गुहार लगाई है.


मिलिन राज जो कोलकाता के आईएचएम इंटरनेशनल से होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा था उसे नवंबर महीने में 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए उसे मॉरीशस जाना पड़ा. उसकी ट्रेनिंग मई में खत्म होने वाली थी इसलिए उसने फ्लाइट का टिकट भी बुक कर लिया था. लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से सभी उड़ाने रद्द हो गईं और वो और उसके साथी वहीं फंस गए. अब फंसे छात्रों के परिजन सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. फोन से बातचीत के दौरान मिलिन से सारी बताएं बताईं. उसने कहा कि अब वहां फंसे लोगों के पास राशन भी खत्म होने वाला है.


वहीं पटना के हनुमान नगर का रहने वाला मेडिकल की पढ़ाई करने गया पवन कुमार कोरोना वायरस की त्रासदी में यूक्रेन में फंस गया है. यूक्रेन से पवन कुमार ने वीडियो कॉलिंग कर मदद की गुहार लगाई है. पवन का कहना है कि यहां करीब 500 छात्र फंसे हुए हैं. इनको समझ में नहीं आ रहा है की क्या करें.


पवन कुमार ने बताया की वो फरवरी 2020 में पटना से यूक्रेन ओडिसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी पंहुचा था. यहां वह सैकेंड ईयर का छात्र है. लॉकडाउन के चलते हालात बिगड़ गए हैं. ऐसे में फंसे हुए लोगों के परिजनों का कहना है सरकार उनकी मदद करें.


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