उत्तराखंड: सतपाल महाराज के बारे में कितना जानते हैं आप, कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से मचा है हड़कंप
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पूरे मंत्रिमंडल में हड़कंप मच गया है.
देहरादून: उत्तराखंड में आज कल सतपाल महाराज काफी सुर्खियां बटोर रहें है और इसकी की शुरुआत उनकी पत्नी अमृता रावत से हुई है जिनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी है. अमृता रावत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन की ओर से सतपाल महाराज और उनके घर आए सभी लोगों के सैंपल लिए गए लेकिन जो रिपोर्ट आयी है उसने सबको टेंशन में डाल दिया है. सतपाल महाराज के कारण कोरोना संकट का खतरा राज्य सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र रावत और उनके कैबिनेट मंत्रियों पर भी मंडरा रहा है, जिसके चलते सभी ने अपने आपको होम क्वारंटीन कर लिया है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सतपाल महराज हैं कौन.
सतपाल महाराज का जन्म 21 सितंबर 1951 को कनखल (उत्तराखंड के हरिद्वार की एक कॉलोनी) में हुआ था. वह प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु योगीराज परमंत श्री हंस और राजेश्वरी देवी के बेटे हैं. सतपाल महाराज का विवाह अमृता रावत हुआ है जो पूर्व सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. सतपाल महाराज के 2 बेटे हैं श्रद्धेय रावत और सूयेश रावत. सूयेश की शादी टीवी कलाकार मोहना कुमारी सिंह के साथ हुयी है.
सतपाल महाराज ने कांग्रेस छोड़ते हुए 2014 में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. वर्तमान में वह उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री हैं. 2014 तक सतपाल महाराज मानव उत्थान सेवा समिति के प्रमुख रहे और "ज्ञान" (नॉलेज) नामक मेडिटेशन तकनीक सिखाने का भी काम किया. इस आंदोलन के तहत दुनिया भर में कई जगहों के छात्रों के साथ ही आश्रम जुड़े, जिसका मुख्य कार्यालय भारत में है. ऐसा दावा है कि इससे लाखों सदस्य जुड़े हैं और हरिद्वार के मुख्य आश्रम में नियमित तौर पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें एक लाख से या उससे अधिक लोग शामिल होते हैं.
पॉलिटिकल करियर 2017 सतपाल महाराज चौबट्टाखल निर्वाचन क्षेत्र से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में विधायक के रूप में चुने गए थे. उन्होंने 7354 मतों से राजपाल सिंह बिष्ट को हराया था. 21 मार्च 2014 को सतपाल महाराज ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. इसके अलावा, उन्होंने 05 अप्रैल 2014 को 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. 2010 उन्हें 5 मई 2010 को लोक लेखा समिति के सदस्य और 19 अक्टूबर 2010 को सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था. साथ ही वह रक्षा पर 20 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख भी थे. 2009 उन्हें गढ़वाल निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा (दूसरी अवधि) में फिर से निर्वाचित किया गया था.
आध्यात्मिक करियर सतपाल महाराज एक मंत्री होने के साथ-साथ एक धार्मिक गुरु भी है. इनके भक्तों की संख्या लाखों में है. सतपाल महाराज एक वक्ता भी हैं. दुनिया भर में इनके सतसंग के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सतपाल महाराज के दुनिया भर में आश्रम हैं. सतपाल महाराज के साल में बड़े सतसंग कार्यक्रम हरिद्वार में होते हैं. पहला 12,13,14 अप्रैल को वैशाली के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है और दूसरा 21 सितम्बर को महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जाता है. महाराज को मानने वाले उनके भक्त दुनिया भर में फैले हुए हैं. महाराज का प्रभाव नेपाल देश में भी है. काफी संख्या में उनके भक्त नेपाली भी हैं.