देहरादून: उत्तराखंड सरकार के सामने हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनौतियां पैदा हो गई हैं. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को रेड जोन और हाई रिस्क एरिया से आने वाले लोगों को बॉर्डर पर ही संस्थागत क्वारंटीन करने और सभी लोगों के सैम्पल लेने के लिए कहा है. साथ ही सैम्पल निगेटिव आने के बाद ही ऐसे लोगों को घर भेजने के लिए कहा गया है.


बॉर्डर पर ही संस्थागत क्वारंटीन करने के लिए सरकार के पास व्यव्थाएं नहीं हैं, ऐसे में हजारों की संख्या में लोगों को कैसे रखा जाएगा और कैसे व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी ये एक बड़ी चुनौती है.


 दूसरी ओर लगातार प्रवासियों के आने की वजह से कोरोना के मामलों में भी बड़ा उछाल आ गया है. ऐसे में रेड जोन और हाई रिस्क एरिया से आने वाले लोगों को सीधे घर भेजना आने वाले समय में उत्तराखंड के हालातों को बिगाड़ सकता है.



इसी को लेकर लेकर सरकार का कहना है की उनके द्धारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 49 राहत शिविर बनाए गये हैं. लेकिन, बॉर्डर पर ही लोगों को क्वारंटीन करने की व्यवस्था को लेकर फिलहाल सरकार ने हाथ खड़े कर दिये हैं, इसको लेकर सरकार हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करेगी.


देहरादून में राज्य के सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं. आंकड़ा 50 के पार जा चुका है, ऐसे में बॉर्डर पर संस्थागत क्वारंटीन को लेकर जजिलाधिकारी देहरादून का कहना है की ऐसे लोगों को संस्थागत क्वारंटीन कराया जा रहा है. बुधवार को मुम्बई लौटे प्रवासियों को संस्थागत क्वारंटीन किया गया है एवं सभी के सैम्पल भी लिए जा रहे हैं. डीएम ने कहा की जो भी लोग रेड जोन और हाई रिस्क एरिया से आ रहे हैं उन सभी का टेस्ट करके ही आगे भेजा जायेगा.



उत्तराखंड में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना के मामलों के बड़ा इजाफा हो रहा है ऐसे में हाई कोर्ट के नियमों के तहत बॉर्डर पर सभी की सैम्पलिंग और संस्थागत क्वारंटीन करने से रफ्तार में कमी और संक्रमण को रोका जा सकता है. लेकिन, राज्य सरकार फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है जिसकी वजह है बॉर्डर पर इतने लोगों को संस्थागत क्वरांटीन करने की व्यवस्था का न होना. ऐसे में देखना होगा राज्य सरकार आगे इसमें क्या फैसला लेती है, ताकि रेड जोन से आने वाले जो पॉजिटिव लोग हैं उनसे दूसरे लोगों को होने वाले संक्रमण को रोका जा सके.



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