नोएडा: 2 अप्रैल तक लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन नहीं कर पायेंगे. कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए ये फ़ैसला किया गया है. ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ जी का मंदिर है. पूजा पाठ के लिए हर दिन यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. आज पुजारियों और मंदिर प्रशासन के बीच बैठक हुई. इसमें तय हुआ कि सामाजिक दूरी के लिए मंदिर में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाए. लेकिन जगन्नाथ जी का नित्य संस्कार पहले की तरह होता रहेगा.


इसके लिए पुजारियों को मंदिर जाने की छूट मिलेगी. पुरी में क़रीब साढ़े तीन हज़ार शैवायत हैं. लेकिन अब सिर्फ़ गिने चुने पुजारियों को ही मंदिर जाने की इजाज़त दी जाएगी. ऐसा पहली बार हो रहा है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में ग़ैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक है. पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को भी मंदिर नहीं जाने दिया गया था.


कोरोनावायरस के कारण देश के कई मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. आज तो मुंबई में हाजी अली की दरगाह भी बंद कर दी गई है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के आदेश पर पुरी में ज़िला प्रशासन ने मीटिंग की. मंदिर को खुला रखें या फिर बंद कर दें. इस बात पर लंबी चर्चा हुई. बैठक के बाद पुरी के डीएम बलवंत सिंह ने बताया कि अब मंदिर में लोग भगवान के दर्शन के लिए नहीं जा पायेंगे.


ये बताया गया कि पंद्रह दिनों बाद फिर से हालात की समीक्षा जाएगी. इसके बाद आगे की रणनीति पर विचार होगा. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक कोरोनावायरस को लेकर काफ़ी एक्टिव हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनके काम काज की तारीफ़ की है. पटनायक सरकार ने विदेश से आने वालों के लिए कोरोना पोर्टल पर रजिस्टर कराना ज़रूरी कर दिया है. मुख्यमंत्री ने अपनी बहन का नाम भी इस पर रजिस्टर करवाया.


इसी बीच यस बैंक ने 397 करोड़ रूपये जगन्नाथ जी के खाते में जमा करा दिए हैं. ये रक़म भगवान के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकांउट में ट्रांसफ़र किए गए हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री ने इसके लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी चिट्ठी लिखी थी.


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